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ज्वालामुखियों की 10 दिलचस्प बातें

क्या आपको पता है कि ज्वालामुखी असल में क्या होते हैं और वे क्यों फटते हैं. ज्वालामुखियों के बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानिए.



Lava

1. ज्वालामुखी एक पहाड़ होता है जिसके नीचे पिघले लावा की तालाब होती है. पृथ्वी के नीचे ऊर्जा यानि जियोथर्मल एनर्जी से पत्थर पिघलते हैं. जब जमीन के नीचे से ऊपर की ओर दबाव बढ़ता है तो पहाड़ ऊपर से फटता है और ज्वालामुखी कहलाता है.

2. ज्वालामुखी के नीचे पिघले हुए पत्थरों और गैसों को मैग्मा कहते हैं. ज्वालामुखी के फटने के बाद जब यह निकलता है तो इसे लावा कहते हैं.

3. ज्वालामुखी के फटने से गैस और पत्थर ऊपर की ओर निकलते हैं. इसके फटने से लावा तो बहता है ही, साथ ही गर्म राख भी हवा के साथ बहने लगती है. जमीन के नीचे हलचल मचने से भूस्खलन और बाढ़ भी आती है.

आइसलैंड में ज्वालामुखी के फटने से पूरे यूरोप में राख के बादल छा गए और हवाई जहाजों को उड़ने से प्रतिबंधित किया गया.

4. ज्वालामुखी से निकलने वाली राख में पत्थर के छोटे छोटे कण होते हैं. इनसे चोट पहुंच सकती है और यह कांच जैसे होते हैं. बूढ़े लोगों और बच्चों के फेंफड़ों को इनसे नुकसान पहुंच सकता है.

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5. पृथ्वी की सतह का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा ज्वालामुखियों के फटने का नतीजा है. इनसे निकला लावा करोड़ों साल पहले जम गया होगा और इससे जमीन की सतह बनी होगी. समुद्र तल और कई पहाड़ भी ज्वालामुखी के लावा की देन हैं. ज्वालामुखी से निकली गैसों से वायुमंडल की रचना हुई.

6. दुनिया भर में 500 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं. इनमें से आधे से ज्यादा रिंग ऑफ फायर का हिस्सा हैं. यह प्रशांत महासागर के चारों ओर ज्वालामुखियों के हार जैसा है. इसलिए इसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं.

7. कई देश ज्वालामुखियों की पूजा करते हैं. रोमन सभ्यता में वुलकान नाम के देवताओं के लोहार थे. यूनानी सभ्यता में हेफाइस्टोस अग्नि और हस्तकला के भगवान थे. अमेरिकी प्रांत हवाई के रहने वाले पेले को मानते हैं जो ज्वालामुखियों की देवी है. हवाई में दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी हैं. इनमें से सबसे खतरनाक हैं मौना किया और मौना लोआ.

हवाई में मौना लोआ जवालामुखी

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8. 1982 में ज्वालामुखी की तीव्रता मापने के लिए शून्य से आठ के स्केल वाला वीईआई इंडेक्स बनाया गया. शून्य से दो के स्कोर वाले रोजाना फटने वाले ज्वालामुखी होते हैं. तीसरी श्रेणी के ज्वालामुखी का फटना घातक होता है और यह हर साल होते हैं. चार और पांच की श्रेणी के ज्वालामुखी दशक या एक सदी में एक बार फटते हैं और इनके लावा 25 किलोमीटर ऊंचे हो सकते हैं. छह और सात की श्रेणी वाले ज्वालामुखियों से सुनामी आते हैं या भूकंप होता है. आठवीं श्रेणी के कम ही ज्वालामुखी हैं. पिछला विस्फोट ईसा से 24,000 बरस पहले हुआ.

9. ज्वालामुखी तीन प्रकार के होते हैं. पहली तरह का ज्वालामुखी एक खोखली पहाड़ी जैसा होता है जिससे लावा निकलती है. दूसरी श्रेणी वाले ज्वालामुखी ऊंचे पर्वत होते हैं जिनमें कई सुरंगें होती हैं जिनसे लावा निकलता है. तीसरी तरह के ज्वालामुखी हवाई में पाए जाते हैं.

2010 में इंडोनेशिया के मेरापी ज्वालामुखी के फटने से हजारों लोगों की जानें गईं.

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यह समतल पहाड़ियों जैसे होते हैं. एक चौथी तरह के ज्वालामुखी को लावा डोम कहते हैं. यह एक जगह में जमा हुआ लावा होता है जो वक्त के साथ ठंडा पड़ जाता है लेकिन कई बार ऐसे डोम फट भी जाते हैं.

10. इस रिपोर्ट के पढ़ते पढ़ते दुनिया में 20 ज्वालामुखी फट चुके हैं. हवाई का क्राकातोआ ज्वालामुखी सबसे खतरनाक ज्वालामुखियों में माना जाता है. 1883 में इसके फटने से सुनामी आया जिसमें 36,000 लोग मारे गए. ईस्वी सन 79 में वेसुवियस के फटने से 16,000 लोग मारे गए. 1902 में मार्टिनीक में ज्वालामुखी फटने से 30,000 लोग मारे गए.

संकलनः मानसी गोपालकृष्णन

संपादनः अनवर जे अशरफ



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