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प्रधानमंत्री का दर्शन नहीं उद्धार और राहत चाहिए

काठमांडू, १८ कात्तिक – प्रधानमंत्री जो तुरंत भूकंप पीडि़त क्षेत्र में पहुँचे हैं यह बहुत ही अच्छा निर्णय है । लोगों को भवनात्मक रुप से जोड़ता है कि हमारे प्रधानमंत्री हमारे दुख में हमारे साथ खड़े हैं । लेकिन जाजरकोट और रुकुम के लोगों को अभी उनके दर्शन की नहीं उद्धार और राहत की जरुरत है । जाजरकोट जिला बारेकोट केन्द्रबिन्दू बनाकर शुक्रबार रात में ६.४ म्याग्निच्यूट का भूकंप आया है । लोगों की अवस्था बहुत खराब है । मानवीय क्षति हुई है । लोगों का हाल बेहाल है । लोग उद्धार और राहत की तलाश में हैं । ऐसे अवस्था में प्रधानमन्त्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड भूकम्प प्रभावित जाजरकोट पहुँच गए हैं । लेकिन आम लोगों को अभी उनका दर्शन नहीं वरन उद्धार और राहत की तलाश है । ऐसे सच कहा जाएं तो भूकंप के क्षेत्र में उन्हें अभी जाना भी नहीं चाहिए था । उन्हें ही क्यूँ किसी भी भी.भी.आई. पी या किसी नेता को अभी इस क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए । क्योंकि ऐसे भ्रमण से उद्धार कार्य प्रभावित हो जाता है । उद्धार में लगे जितने भी प्रहरी दल ,सेना, आम नागरिक, और गाँव के बड़े लोग हैं वो सभी नेताओं के पीछे पीछे लग जाते हैं । उनकी सुरक्षा और स्वागत में लग जाते हैं । जहाँ दस लोगों का उद्धार किया जा सकता है वहाँ लोग इन नेताओं के पीछे बेहाल हो जाते हैं । ऐसी अवस्था में सरकार को केवल और केवल राहत तथा उद्धार के बारे में सोचना चाहिए । कुछ ऐसी नीति बनानी चाहिए ताकि लोग संतुष्ट और भय मुक्त हो सकें । जाजरकोट और रुकुम के आम नागरिको का कहना है कि अभी हमें नेताओं के दर्शन की नहीं उद्धार और राहत की आवश्यकता है । हमें तलाश है उनके द्वारा दी जानेवाली राहत सामाग्री तथा रहने के लिए घर और भोजन की ।

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