मधेश हिन्दी भाषा नागरिक सरोकार द्वारा भाषा आयोग को चेतावनी, सौंपा ज्ञापन
हिमालिनी, काठमाण्डौ – १५ फरबरी, २०२४ । गत सप्ताह, फरबरी ८, २०२४ के दिन स्वाधीन मधेश जन-अभियान और मधेश हिन्दी भाषा नागरिक सरोकार द्वारा नेपाल के राष्ट्रीय भाषा आयोग को ग्यापन पत्र सौंपे जाने की खबर है ।
बताते चलें कि स्वाधीन मधेश जन-अभियान के राष्ट्रीय संयोजक व सामाजिक-राजनीतिक अभियन्ता रहे कैलाश महतो ने नेपाल में हिन्दी भाषा को भी सरकारी भाषा का मान्यता दिलाने के पक्षपाती हैं ।
स्मरण हो कि आश्विन १८ गते के दिन कैलाश महतो ने लुम्बिनी प्रदेश के लिए भोजपुरी भाषा को सरकारी मान्यता दिलाने हेतु भाषा आयोग में संग्यान पत्र दिया था और उसके उपरान्त भोजपुरी को सरकारी कामकाज का भाषा की मान्यता मिली था ।
महोत्तरी के सोनमा में जन्में महतो प्राध्यापन के सिलसिले में परासी के पाल्ही बहुमुखी क्याम्पस में तकरीबन १७ वर्षोंतक अंग्रेजी विषय का प्राध्यापन किया है । पश्चिमी मधेशी समाज में व्याप्त राजनीतिक कमजोरी को समाप्त कर मधेशी समाज को उठाने हेतु मधेश आन्दोलनों में अग्र भूमिका निर्वाह करते हुए भाषा आन्दोलन समेत में दत्तचित्त होकर काम कर रहे हैं । हिन्दी भाषा में महतो का अनेक विषयों पर लेख, आलेख, कविता और विश्लेषण मौजूद हैं ।
स्वाधीनता की लडाई लडने के साथ साथ अपने मातृ और कर्म क्षेत्रृय भाषा के साथ राष्ट्रीय सम्पर्क भाषा रहे हिन्दी समेत को नेपाल में सरकारी मान्यता दिलवाने हेतु स्वाधीन मधेश जन-अभियान के तरफ से एक ग्यापन पत्र दिया है, जो नेपाल के इतिहास में संभवत: पहला घटना है । ग्यापन पत्र में महतो ने हिन्दी भाषा किसी देश का राष्ट्र भाषा होने के बावजूद यह मधेश की जनजीवन का भाषा होने का दावा किया है । उन्होंने दुनिया के देशों द्वारा हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाये जाने पर नेपाल को गर्व करने का भी सलाह देते हुए कहा है कि यह भाषा समग्र भाषा भाषियों को एक आपस में जोडने का एक मजबूत अस्त्र होने के साथ यह रोजी रोटी का प्रथम राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय भषा है ।
हिन्दी भाषा के महत्व और महत्ता को दरशाते हुए इस भाषा के साथ राज्य द्वारा हुए और किए जा रहे विभेद और राजनीतिक तिकडमबाजी को मधेश अब बर्दाश्त न करने की भी हिदायत दी है ।
स्वाधीन मधेश जन-अभियान के साथ ही मधेश हिन्दी नागरिक सरोकार नामक भाषा संस्था के संयोजक श्री गजेन्द्र प्रसाद सिंह ने भी हिन्दी को सरकारी भाषा बनाने की सरकार से मांग की है ।
ग्यापन सौंपने के पावन कार्य में स्वाधीन मधेश के संयोजक श्री कैलाश महतो ले साथ संगठन प्रमुख श्री अशेश्वर कामत, प्रशिक्षक श्री विपिन अधिकारी, नेता श्री चन्देश्वर महतो, नेता श्री सुरेश साह, श्री रामनाथ सिंह, श्री कृष्ण तामाङ्ग के साथ दर्जनों नेता और अभियन्ता रहे ।
फेसबुक से (स्वाधीन मधेश जनअभियान और #मधेश #भाषा #नागरिक #सरोकार ने #भाषा #आयोग में आज #हिन्दी #भाषा को #सरकारी #मान्यता दिलाने और इसे #सरकारी #कामकाज में समेत #दूसरा #स्थान ##प्रदान करने हेतु सरकार को सिफारिश के लिए भाषा आयोग के #राष्ट्रीय #अध्यक्ष श्रीमान् #गोपाल #ठाकुर जी को दो ग्यापन-पत्र सौंपे गये ।
ग्यापन-पत्र देने में दत्तचित होकर मेहनत और लगानी करने बाले स्वाधिन मधेश जन आभियान के केन्द्रीय सचिवालय नेताद्वय क्रमश: अभियान के संगठन प्रमुख श्री #अशेश्वर कामत, प्रशिक्षण प्रमुख श्री #विपिन अधिकारी, नेता श्री #चन्देश्वर महतो साथ में रहे । इस कार्य में थप उर्जा देने का काम अभियानी नेताद्वय श्री #रामपृत महतो व श्री #शत्रुधन महतो भी रहे ।
उक्त कार्य के किए ग्यापन-पत्र सौंपने का शुभ कार्य अभियान ने मुझ कैलाश महतो को प्रदान किया था । अभियान के प्रति हार्दिक आभारी हैं ।
#मधेश #भाषा #नागरिक #सरोकार के संयोजक तथा सद्भावना पार्टी के नेता रहे हिन्दी भाषा के एक प्रणेता श्री गजेन्द्र प्रसाद सिंह ने आयोग को अपना संग्यान पत्र सौंपा ।
अभियान के इस कार्य को सराहने और हिन्दी भाषा के पक्ष में प्रमाण और उदाहरण देने बाले काठमाण्डौ निवासी #जनजाति नेता श्री #कृष्ण #तामाङ्ग, नेवा एकता समाज के नेतागण, प्रो. राम प्रसाद सिंह, युवा अभियानी श्री सुरेश साह, श्री रामनाथ सिंह, लगायत के प्रबुद्ध अभियानी नेता लोगों ने साथ और सहयोग किया ।
वैसे ही भाषा आयोग के प्रमुख आयुक्त तथा साहित्य द्रष्टा, सामाजिक न्याय के प्रखर वक्ता श्रीमान् गोपाल ठाकुर जी के साथ आयोग के विद्वान् आयुक्त डा. श्री अमीरी गिरी, श्री पोखरेल, आयोग के सचिव श्री तामाङ्ग लगायत का विद्वत् चिन्तन और सहयोग मिला ।
भाषा और साहित्य प्रेमी, संस्कृति और अस्तित्व प्रेमी उपस्थित सम्पूर्ण अभियानी नेता, चिन्तक, सलाहकार, सहयोगी और प्रेरक व्यक्तित्वों में स्वाधिन मधेश जन अभियान हार्दिक कृतग्यता अर्पण करता है ।)