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भट्टराई सरकार को गिराने के लिए मोहन वैद्य और झलनाथ खनाल के बीच बना गठबन्धन

काठमाण्डू/बाबूराम भट्टराई की सरकार को गिराने के लिए माओवादी उपाध्यक्ष मोहन वैद्य किरण और एमाले अध्यक्ष झलनाथ खनाल के बीच गुपचुप तरीके से नयां गठबन्धन बन गया है। मधेशी मोर्चा के साथ हुए चार सूत्रीय समझौते से लेकर भारत के साथ हुए बीपा समझौते और अब राज्य पुनर्संरचना आयोग और समूह बनाने को लेकर जिस तरह से मोहन वैद्य और झलनाथ खनाल का विरोध एक स्वर और एक जैसे रहे हैं उसे महज संयोग नहीं कहा जा सकता है।

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इन दिनों हर दूसरे दिन मोहन वैद्य समूह के नेताओं का खनाल से मिलना, उनके घर पर बैठकों का दौर चल रहा है। और भट्टराई सरकार को हर मोर्चे पर कैसे घेरना है इस बात की पूरी रणनीति खनाल के ही घर बनाया जा रहा है। तीन दलों के बीच राज्य पुनर्संरचना के लिए आयोग के बदले विशेषज्ञों का समूह बनाए जाने सहमति होने के बावजूद इसका विरोध होना, संविधान संशोधन नहीं हो पाना, संविधान संशोधन के विरोध में दूसरा संशोधन प्रस्ताव दर्ता होना ये सब कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिनसे साफ हो जाता है कि वैद्य के हर विरोध के पीछे खनाल का भी साथ और समर्थन है।

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खनाल और मोहन वैद्य तथाकथित राष्ट्रवादी गठबन्धन बनाकर भट्टराई सरकार को गिराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। संविधान सभा की समय सीमा खत्म होने में अब महज १२ दिन रह गए हैं। ऐसे में खनाल की योजना है कि ३० सितम्बर तक भट्टराई सरकार को हर हाल में गिराकर प्रचण्ड या खुद अपने नेतृत्व में सरकार बनाए। इस पूरे प्रकरण में प्रचण्ड का सीधा तो कहीं भी संबंढ नहीं दिखता है लेकिन्वैद्य के विरोध पर सख्ती बरतने के बजाए वो इसे अनदेखा कर भट्टराई सरकार को जान बूझकर संकट में डालते दिखाई देते हैं। nepalkikhabar.com

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