शाश्वत आचार्य स्मृति दिवस पर साहित्यकार सम्मानित
नेपालगञ्ज/(बाँके) पवन जायसवाल । शाश्वत आचार्यको १९ वींं स्मृति दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम के बीच साहित्य क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करनेवाले साहित्यकार को पुरस्कार सहति सम्मान प्रदान किया गया ।

नेपालगञ्ज उप–महानगरपालिका वाडं नं.१० स्थित रहेको शाश्वत आचार्य स्मृति प्रतिष्ठान नेपालगञ्ज के अध्यक्ष प्रा. डा. जनार्दन आचार्य के अध्यक्षता में कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के प्रज्ञासभा सदस्य प्राज्ञ महानन्द ढकाल ने नेपाली साहित्य तथा समालोचना क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान पहूँचाते आ रहे डा. टिकाराम उदासी को नगद राशी १० हजार रुपैया ँसहित शाश्वत आचार्य स्मृति पुरस्कार के साथ–साथ खादामाला, दोसल्ला ओढकार नगद राशी सहित सम्मानित किया ।
शाश्वत आचार्य स्मृति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रा.डा जनार्दन आचार्य के अनुसार वह कार्यक्रम में नेपालगञ्ज उप–महानगरपालिका वाडं नं.९ स्थित नील सागर बृद्ध आश्रम के संस्थापक सरिता खनाल, स्वास्थ क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान पहुँचाने वाले डा. दुर्गा प्रधान को (मरोणापन्त), इसी तरह स्वास्थ क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण योगदान पहुँचाते आ रहे डा. बिनोद खेतान को भी शाश्वत आचार्य स्मृति सम्मानद्वारा सम्मान किया । कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि महानन्द ढकाल ने सम्मानित करते हुये अच्छी काम की एक न एक दिन जरुर मूल्याँकन होती है बताया । इसी तरह वह कार्यक्रम में सम्मानित ब्यक्तित्व नेपाली साहित्य तथा समालोचक डा. टिकाराम उदासी, डा. विनोद खतान ने अपनी अपनी बिचार रक्खा ।
सर्वदा साहित्य संगम के अध्यक्ष खगेन्द्र गिरि कोपिलाद्वारा सञ्चालित वह कार्यक्रम में साहित्यकारों में नरेन्द्रनाथ योगी, नवीन अभिलासी, चरित्रा शाह, एम रेग्मी, चन्द्रावती अधिकारी लगायत लोगों ने अपनी अपनी कविता, रचाना वाचन किया । वह कार्यक्रम में भेरी साहित्य समाज केन्द्रिय समिति के पूर्व हरि प्रसाद तिमिल्सिना, खजुरा प्रज्ञा प्रतिष्ठान के उप–कुलपति डा. इन्द्र बहादुर भण्डारी, कोहलपुर बाङ्मय प्रतिष्ठान की उपाध्यक्ष सुमित्रा न्यौपाने, हाम्रो पूर्णिमा साहित्य प्रतिष्ठान के अध्यक्ष पुष्कर रिजाल, साहित्यकार तथा शिक्षाविद् किरण आचार्य, बिष्णु पादुका, भरत रानाभाट, साहित्यकार तथा अधिवक्ता भीम बहादुर शाही, मणि देव अर्याल, कल्पना पौडेल जिज्ञासु, बद्री ढकल हिरामणि, खोपीराम ओली लगायत लोग की उपस्थिति रही थी ।