जनकपुर सिगरेट फैक्ट्री का पतन और 60वीं वर्षगांठ
महामहिम राजेश्वर नेपाली का एक संदेश
जनकपुर सिगरेट फैक्ट्री का पतन और 60वीं वर्षगांठ पर प्रस्तुति -राघवेन्द्र साह

जनकपुरधाम/मिश्री लाल मधुकर
राजर्षि जनक और जानकी की पवित्र भूमि जनकपुरधाम में आधी सदी पहले जनकपुर सिगरेट फैक्ट्री की स्थापना की गई थी, जो देश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला नंबर एक औद्योगिक प्रतिष्ठान था। भ्रष्ट और बेईमान प्रबंधन अब करोड़ों के कर्ज तक पहुंच गया है और अब पूरी तरह से बंद हो चुका है और अब खाली हाथ है।
जे चू. का, जिन्होंने कभी पांच हजार श्रमिकों और प्रबंधन को रोजगार दिया था। अब सरकार सत्ता में है और वेतन से दोगुना ओवरटाइम और बोनस वसूलने वालों की पहले ही छँटनी हो चुकी है।
पौष 29, 2021 को उद्घाटन किया गया। जो रु. देश को 20 अरब से अधिक का राजस्व दिया जा चुका है और अब भी देश में 25 अरब से अधिक श्रीसंपति वाली फैक्टरियों को कमिश्नरों ने व्यस्त रखा है। क्योंकि श्रमिकों की राय चाहे जो भी हो, फैक्ट्री संचालित होने पर ही रोजगार मिल सकता है। नहीं तो कितनी भी सुविधाएं मिलें, जीवन नहीं चल पाएगा शहीद के परिवार को मिले एक लाख रुपये दस लाख की स्थिति स्पष्ट है. कभी अपनी सालगिरह पर लाखों खर्च करने वाली फैक्ट्री की 60वीं सालगिरह शुनशान अमावस्या की अंधेरी रात बन गई है।
अत: देश के नीति-निर्माताओं को इस बात पर ध्यानपूर्वक विचार करना चाहिए कि यदि कृषि और उद्योग बंद हो जायेंगे, पर्यटन या विदेशी रोजगार के नाम पर विकृतियाँ और विसंगतियाँ ही फैलायी जा सकेंगी, तो देश को समृद्ध या आत्मनिर्भर नहीं बनाया जा सकेगा।
इसलिए अरबों रु. भले ही राजस्व का भुगतान किया गया हो और अरबों की संपत्ति हो, लेकिन 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर कारखाने को सुचारू रूप से चलाने के लिए सबसे पहले यहां के नागरिक समाज को सरकार पर दबाव बनाना चाहिए और इसे सुचारू रूप से चलाने और बचत करने की पहल करनी चाहिए शेयर बेचकर इसे संकट से उबारें।