भारत-नेपाल शिक्षा सहयोग का प्रतीक: 23वां गोल्डन जुबली स्कॉलरशिप डे समारोह
काठमांडू, 22 मार्च 2025 ।बभारत-नेपाल के ऐतिहासिक शिक्षा सहयोग के प्रतीक के रूप में भारतीय दूतावास, काठमांडू ने 22 मार्च 2025 को 23वां गोल्डन जुबली स्कॉलरशिप डे मनाया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जो इस प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय हस्तियों की उपस्थिति
समारोह में नेपाल के उच्च शिक्षण संस्थानों के कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:
- डॉ. देव राज अधिकारी, अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नेपाल
- डॉ. अच्युत वाग्ले, कुलपति, काठमांडू विश्वविद्यालय
- डॉ. अमर प्रसाद यादव, कुलपति, राजर्षि जनक विश्वविद्यालय
- डॉ. बिजु कुमार थपलिया, कुलपति, पूर्वांचल विश्वविद्यालय
- डॉ. ध्रुव कुमार गौतम, कुलपति, मध्यम पश्चिम विश्वविद्यालय
- डॉ. ज्ञानेंद्र गिरि, कुलपति, बी.पी. कोईराला स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान
- डॉ. शारदा थपलिया, कुलपति, कृषि एवं वन विश्वविद्यालय
इसके अतिरिक्त, विभिन्न विश्वविद्यालयों के डीन और प्रतिष्ठित विद्यालयों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया
भारत के नेपाल में राजदूत श्री नवीन श्रीवास्तव ने इस अवसर पर “दूतावास गोल्डन जुबली छात्रवृत्ति सम्मान रोल ऑफ ऑनर” के दूसरे संस्करण के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया।
अपने संबोधन में राजदूत श्रीवास्तव ने 23वें बैच के गोल्डन जुबली छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ताओं और अम्बेसडर रोल ऑफ ऑनर में शामिल मेधावी छात्रों को बधाई दी। उन्होंने छात्रों को अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया और भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम, इनक्यूबेशन सेंटर्स और अन्य सहयोगी पहलों से जुड़ने के अवसरों पर प्रकाश डाला।
भारत-नेपाल शिक्षा सहयोग का गौरवशाली इतिहास
गोल्डन जुबली स्कॉलरशिप वर्ष 2002 में भारत-नेपाल आर्थिक सहयोग के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत हर साल 200 छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। अब तक नेपाल के सभी 77 जिलों के 3500 से अधिक छात्र-छात्राएं इस छात्रवृत्ति का लाभ उठा चुके हैं।
इस वर्ष चयनित 200 छात्रों में से 75 जिलों के छात्र हैं, जिनमें एक-तिहाई छात्राएं हैं। इसके अलावा, इस साल 03 दिव्यांग छात्र भी इस प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति के लिए चुने गए हैं।
भारत सरकार की शिक्षा सहायता पहल
भारत सरकार प्रतिवर्ष लगभग 1,500 छात्रवृत्तियां नेपाली छात्रों को प्रदान करती है। इन छात्रवृत्तियों के माध्यम से विद्यार्थी इंजीनियरिंग, चिकित्सा, डेंटल साइंस, प्रबंधन, वाणिज्य, नर्सिंग, आयुर्वेद, नृत्य, रंगमंच और प्रदर्शन कला जैसे विविध क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
इनमें से कुछ छात्रवृत्तियां नेपाल में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए होती हैं, जबकि अन्य भारत के विश्वविद्यालयों में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रमों के लिए प्रदान की जाती हैं। वर्ष 2001 से अब तक लगभग 40,000 नेपाली छात्र भारत सरकार की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं।
भारत-नेपाल मैत्री में शिक्षा सहयोग की भूमिका
शिक्षा सहयोग, क्षमता निर्माण और अकादमिक साझेदारी भारत-नेपाल के मैत्री संबंधों को और प्रगाढ़ बना रहे हैं। छात्रवृत्तियों और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से भारत नेपाल के मानव संसाधन विकास में योगदान देने के अपने प्रयासों को लगातार मजबूत कर रहा है।
भारत सरकार की यह पहल नेपाल के छात्रों के लिए नवीन अवसरों के द्वार खोलने, ज्ञान अर्जन और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने का एक महत्वपूर्ण साधन बन रही है।
भारत और नेपाल के बीच शिक्षा सहयोग न केवल दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करता है, बल्कि छात्रों को वैश्विक मंच पर सफलता हासिल करने के लिए आवश्यक संसाधन और अवसर भी प्रदान करता है। 23वें गोल्डन जुबली स्कॉलरशिप डे का आयोजन इसी सुदृढ़ मैत्री और साझेदारी का प्रतीक है।