जनकपुर में बाबुराम भट्टराई ने मधेशी जनता से क्षमा मांगी ,कहा अधिकार दिलाने के बाद दीपावली मनाऐगें
कैलास दास,जनकपुर, असोज १२ ।
पूर्व मन्त्री डा. बाबुराम भट्टराई ने कहा कि संविधान में मधेशी जनता का अधिकार संशोधन होने पर ही हम दीपावली मनाऐंगे ।
अहंकरवादी जो लोग है जिन्होने मधेशीयो को जनजातियो को दलित को नेपाली नही मानते हैं उसका जिम्मेवार भी वही अहंकरवादी भी है । हमे उसके विरुद्ध में लडना है । उस मुठी भर अहंकारवादी के खिलाफ आगे बढना है ।
मंगलवार काठमाडौ से जनकपुर में आयोजित खुल्ला अन्तरक्रिया कार्य क्रम में सहभागी होते हुए उन्होने कहा संविधान मस्यौदा समिति के अध्यक्ष होने के वावजूद भी हम मधेशी जनता का अधिकार नही दिला सके इस लिए हम मधेशी जनता से क्षमा चाहते है । उन्होेने यह भी कहा कि मुठी भर खस शासक मधेशी जनता को इतिहास के साथ खेलवाड कर रहे है । मधेशी का इतिहास सबसे पुराना होते हुए भी खसवादी शासको ने करीब डेढ सय वर्ष से शोषन दमन करते आ रहे है ।मधेशी का कुछ जनता के विरोध के वावजूद भी जनकपुर के गोपाल धर्मशाला में डा. भट्टाई ने मधेशी जनता डेढ महिना से आन्दोलित है । परन्तु सरकार ने मधेश आन्दोलनप्रति किसी प्रकार का सम्बोधन नही करने का अफसोच है । मधेशी के आन्दोलन में हमारा समर्थन है और हम संविधान में संशोधन कर मधेशी, जनजाति, दलित तथा मुस्लिम समुदाय को अधिकार सुनिश्चित करने का प्रयत्न करेगे कहा । उन्होने निवेदन करते हुए कहा कि पहाड और मधेश की दुरी नही बढाबें ।
यह लडाई पहाडी और मधेशी बीच का नही है । हमें खस शासक वाद के खिलाफ लडना है । हम सभी नेपाली है, नेपाल का राष्ट्रिय अखण्डता कायम रखना सभी को दायित्व भी उन्होने कहा ।


मधेशी जनसमुदाय का जो स्वायत मधेश प्रदेश माँग है उसमे हमरा पुरा समर्थन है । मधेश में जो डेढ महिना से आन्दोलन चल रही है जिसका कुप्रभाव परोसी राष्ट्र भारत पर पडी है । इससे मधेशी और पहाडी जनता बहुत समस्या में है । भारत के दिल्ली और नेपाल के काठमाडौं से बनी दूरी खत्म करने के लिए सम्झौता करने का अपील भी किया । उन्होने कहा दोनो मुल्क के शासक दिल्ली में जा कर वार्ता कर समस्या के समाधान करे । वाक की लडाई से किसी को फाइदा नही है । जितनी जल्द हो सभी नेपाली दिपावली कैसे मनोए इस सोच के साथ आगे बढे उन्होने कहा ।