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Month: September 2015

विराटनगर में फैयाज जिन्दावाद बोलने के साथ ही प्रहरी द्धारा मारपीट , आर्धा दर्जन आन्दोलनकारी घायल

जीतेन्द्र ठाकुर , विराटनगर, ३० सेप्टेम्बर | संयुक्त लोकतान्त्रिक मधेशी मोर्चा द्वारा सीमा में किए

मधेश की जनता चीख चीखकर कह रही है, नाकाबन्दी हमने किया है भारत ने नही : श्वेता दीप्ति

श्वेता दीप्ति, काठमांडू ,३० सेप्टेम्बर | नफरत के बीज इतनी गहराई में मत बोओ कि

जनकपुर में बाबुराम भट्टराई ने मधेशी जनता से क्षमा मांगी ,कहा अधिकार दिलाने के बाद दीपावली मनाऐगें

कैलास दास,जनकपुर, असोज १२ । पूर्व मन्त्री डा. बाबुराम भट्टराई ने कहा कि संविधान में

आप कहे तो भाषण, हम कहे तो गाली ? आपका खून- खून, हमारा बहे तो पानी ? मुरलीमनोहर तिवारी

मुरलीमनोहर तिवारी (सिपु), बीरगंज ,२६ सेप्टेम्बर | मधेश आंदोलन का काला सच यही है कि

भारत को गाली देने वाली जुवान मधेश के दर्द को क्यों नहीं देख रहे ?- श्वेता दीप्ति

श्वेता दीप्ति , काठमांडू , २३, सेप्टेम्बर | नेपाल के नवनिर्मित संविधान के जारी होने

जनकपुर में कुता के गर्दन में नेता का नेमप्लेट लगाकर जुलुस, तथा थाली पिटकर बन्द का समर्थन

युवा द्वारा व्यंगात्मक कार्यक्रम, कुत्ता को प्रधानमन्त्री से लेकर शीर्ष नेता बना कर चाय बिस्कुट

सावधान ! मधेश हिंसक हुआ तो गोलिया कम पड़ जाएंगी, मधेशियों का सीना कम नहीं पड़ेगा : मुरलीमनोहर तिवारी

मुरलीमनोहर तिवारी (सिपु), बीरगंज, २२ सेप्टेम्बर | आंदोलन का छत्तीसवा दिन। छत्तीसो शहीद हुए। छत्तीस

हाय रे राष्ट्रवाद ! गागर मे भरी हुई जल की तरह जहां, तहां छलक जाती है : बिम्मीशर्मा

बिम्मीशर्मा, काठमांडू , २२,सेप्टेम्बर | हम नेपालवासियों के अन्दर राष्ट्रवाद कूट, कूट कर भरा है

संविधान ने ही बिभाजित किया नेपाल को, एक तरफ खुन की होली दुसरी तरफ दिवाली : कैलास दास

कैलास दास,जनकपुर, २१ सेप्टेम्बर । नेपाल का संविधान २०७२ राष्ट्रपति रामवरण यादव ने कल्ह घोषणा

जब भाग्य में अंधेरा, तो शहर किसके लिए था, जब धूप थी किस्मत तो सजर किसके लिए था|गुल्जारे अदब की गजल गोष्ठी

गुल्जारे अदब की मासिक गजल गोष्ठी नेपालगन्ज,(बाके) पवन जायसवाल,२०७२ असोज २ गते । गुल्जारे अदब

नेपालगन्ज में सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम,“प्राथमिक उपचार और जेष्ठ नागरिक”दिवस तथा बालगृह को सहयोग करके जन्म दिन

सुरक्षित मातृत्व सम्बन्धि एक दिन की परामर्श कार्यक्रम नेपालगन्ज,(बाके) पवन जायसवाल, २०७२ भादौं २९ गते

क्या चीन का समर्थन और भारत की उपेक्षा कर ओली नए नेपाल का निर्माण कर पाएँगे ? श्वेता दीप्ति

श्वेता दीप्ति, काठमांडू, १९ सेप्टेम्बर | सेना सशस्त्र प्रहरी और प्रहरियों को बैरेक से निकालकर,

यह समर नहीं आसान

कुमार सच्चिदानन्द:राजनीति का जितना विद्रूप रूप हो सकता है, उसी की तस्वीर नेपाल के राजनैतिक

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