सजाय की माग
नेपालगन्ज,(बाके) पवन जायसवाल, २०७२ पुष १६ गते ।
जनकपुर में राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी के उपर हुआ दुव्र्यब्यवहार करने वालों को सजाय की माग करते हुयें द्वन्द्व पीडित तथा एकल महिला संजाल बाके ने पुष १३ गते सोमवार को जिला प्रशासन कार्यालय बाके में ज्ञापन पत्र दिया है ।
२०७२ पुष १ गते को जनकपुरधाम में रामजानकी मन्दिर प्रवेश और पूजा आर्चना करने क्रम में राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी पर हुई दुव्र्यब्वहार के प्रति गम्भीर ध्यानाकर्षण हुई है इस निन्दनीय कार्य के दोषियों पर कडी से बडी सजाय दिलाने के लिये सभी एकल महिलाए“ को सामाजिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक अधिकारों को सुरक्षित और मर्यादित कराने के लिये उन लोगों ने माग की है ।
द्वन्द्व पीडित तथा एकल महिला संजाल बाके की अध्यक्ष एकमाया बिक ने प्रमुख जिला अधिकारी वेद प्रकाश लेखक को ज्ञापनपत्र देते हुये कहा विधवा होने की कारण राष्ट्र प्रमुख जैसी गरिमामय पद में आसीन महिला के उपर किया गया असभ्यता की पराकाष्ट और बर्बर दुव्र्यब्यवहार प्रति खेद व्यक्त किया । उन्हों ने कहा मानव को मानव होकर जीने के लिये पूर्ण तथा सारभुत समानता की प्रत्याभूति होना अनिवार्य है और मानवअधिकार सम्बन्धि विश्वव्यापी घोषणा–पत्र १९४८, नेपाल की संविधान २०७२ ने सभी मानव स्वतन्त्र रुप में एंव समान हक और मर्यादा में जीना पाने की अधिकार को स्थापित किया है तो भी उक्त घटना ने आम महिलाए“ के प्रति संकुचित सोच रखे है उस प्रति दुःख व्यक्त की ।
द्वन्द्व पीडित तथा एकल महिला संजाल की क्षेत्रीय संयोजक शोभा बिसी ने विधवा होन की कारण राष्ट्र प्रमुख जैसी गरिमामय पद में आसीन महिला के उपर किया गया असभ्यता की पराकाष्ट और बर्बर दुव्र्यब्यवहारप्रति हम लोगों ने मर्माहत हुयें है बतायी ।
ज्ञापन पत्र में नेपाल की संविधान ने सभी प्रकार की विभेदों को संवैधानिक रुप से अन्त्य और राष्ट्र ने देशभितर के सभी धर्म, संस्कृति, परम्परा और रितिरिवाज प्रति सम्मान तथा सभी की सहभागिता रहेगी संवैधानिक व्यवस्था और महिला विरुद्ध भेदभाव उन्मूलन सम्बन्धि महासन्धि की ९ऋभ्म्ब्ध्० धारा १ में वैवाहिकता के आधार में महिला विरुद्ध की भेदभाव अन्त्य करने की व्यवस्था रही है तो भी, एकल महिला की सामाजिक सांस्कृतिक तथा धार्मिक अधिकार के उपर हुई आक्रमण प्रति गम्भीर ध्यानाकर्षण हुई है ज्ञापन – पत्र में उल्लेख है ।