Tue. Dec 10th, 2024

नुकसानदायक है अण्डा-सेवन
रवीन्द्र झा शंकर’

यदि शास्त्रीय विधि-निषेध की बात नमानी जायेतो हर
व्यक्ति इस बात के लिए पर्ूण्ा स्वतन्त्र है कि वह क्या खाए और क्या न खाए। किंतु अच्छे स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से या भयानक बिमारियों की रोकथाम के लिये कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन हानिकारक हो तो आप को चाहिये कि आप विवेकपर्ूवक ऐसा खाद्य पदार्थ न लें। आप निम्न तथ्यों से भलीभाँति जान पार्येगे कि अण्डा जहाँ स्वास्थ्य के लिय हानिकारक है, वहाँ वह मांसाहार भी। इसलिए इसका सेवन किसी भी दृष्टि से उचित नहीं।
यहा“ अण्डों के बारे में कुछ प्रमुख तथ्योंपर विवरण प्रस्तुत हैंः-
अण्डा सेवन अहिंसा एवं करुणा के विपरीतः- यहाँ बहुत सुनने में आता है कि अनिषेचित अण्डे शाकाहारी है। लेकिन यदि यह मालूम हो जाय कि उनके उत्पादन की विधि कितनी क्रूरता से परिपर्ूण्ा है और नेपाल की मूल्यों जैसे अहिंसा और करुणा से परिपर्ूण्ा है तो बहुत से लोग अण्डा सेवन बन्द कर देंगे। अमेरिका के विश्वविख्यात लेखक जोन राबिन्सन ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘डाइट फाँर ए न्यू अमेरिका’ में लिखा है कि अण्डों की फैक्टि्रयों में स्थापित किये हुए पिंजडÞो में इतनी अधिक मर्ुर्गियाँ भर दी जाती है कि वे पंख भी नहीं फडÞफडÞा सकती और तंग जगह की वजह से वे आपस में चोचंे मारती है। जख्मी होती है, गुसा करती है और कष्ट भोगती है। जब मर्ुर्गी को २४ घण्टे लोह की सलाखे पर बैठना पडÞता है तब एक विशेष मशीन से एक ही रात में लगभग हजारों मर्ुर्गियों की चोचे काट दी जाती है और गरम-गरम आग से तपते हुए लाल औजारों से उनके पंख भी काट दिये जाते हैं। आप समझ सकते है कि जल्दी से अण्डा उत्पन्न करने का तरीका कितना हिंसात्मक है।
अण्डों से कई बीमारिया“ः- हाल ही में हुआ वर्डफ्लू और सालमनोल बीमारी ने समस्त विश्व में यह प्रमाणित कर दिया है कि मर्ुर्गियों के होनेवाली कई बीमारियों को कारण अण्डों से वह बीमारी उस मनुष्य में प्रवेश कर जाती है। अण्डा सेवन करनेवाले व्यक्तियों को यह भी नहीं मालुम कि इसमें हानिकारक कोलेस्ट्राल की बहुत अधिक मात्रा होती है। अण्डों के सेवनसे आँतों में सडÞन और टी.बी. आदि की आशंकाएँ बढÞ जाती हैं। अण्डों की सफेद जर्दीसे पैप्सीन इंजाइमेक विरुद्ध प्रतिक्रिया होती है। कैथराइन निम्मा तथा डा. जे.एम. विलिंकज ने एक सम्मिलित रिर्पोट में कहा है कि अण्डा हृदय रोग और तकवे अािद के लिए जिम्मेदार है। यह बात १९८र्५र् इ के नोबल पुरस्कार विजेता डा. ब्राउन और डा. गोल्डस्टीन ने कहा कि अण्डों में सबसे अधिक कालेस्ट्रोल होता है। जिससे उत्पन्न हृदय रोग के कारण बहुत अधिक मौतें होती हैं। इग्लैण्ड के डा. आर.जे. विलियम ने कहा है कि जो लोग आज अण्डा खाकर स्वस्थ रहने की कल्पना कर रहे है, वे कल लक्वा,एग्जिमा,। इनजाइना जैसे रोगों के शिकार होंगे। फिर अण्डे में फाइबर नहीं होता और कार्बोहाइटे्रड जो शरीर में स्फर्ूर्ति देता है, वह भी शून्य होता है।
अण्डों में पौष्टिकता एवं उर्जा की कमीः- विज्ञापनों के माध्यम से यह भ्रम बडÞी तेजी से फैलाया जा रहा है कि शाकाहारी खाद्यानों की तुलना में अण्डे में अधिक प्रोटिन है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के निम्न तुलनात्मक चार्ट से यह ज्ञात होता है कि प्रोटिन, खनिज, लवण एवं कैलोरी आदि की दृष्टि से कौन-सा आहार हमारे लिये उपयुक्त हैः- प्रोटिन शकाहारी खाद्यः मूँग २४., सोयाबिन ४३.२, मूँगफली ३१.५, स्पे्रट्रा दुग्ध पाउडर ३८.३, मांसाहारी खाद्यः अण्डा १३.३। इन अनाज की तुलना में कितना कम प्रोटिन है अण्डा में।
कोई भी अण्डा शाकाहारी नहीं होताः- प्रचार माध्यम के कारण कुछ वर्षों से शुद्ध शाकाहारी परिवार के नवयुवक भी अण्डों का सेवन करने लगे हैं। क्योंकि अनिषेचित अण्डों को ‘शाकाहारी’ नामाकरण देकर एक भ्रमजाल फैलाया गया है। यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि अनिषेचित अण्डे किसी भी प्रकार से शाकाहारी नहीं होते क्योंकि न तो वे पेडोपर उगते है और न किसी पौधेपर, बल्कि वे सब मर्ुर्गी के पेटसे उत्पन्न होते हैं। १९७र्१र् इ. में मिशीडगन युनिवर्सिटी, अमेरिका के वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया था कि संसार का कोई भी अण्डा निर्जीव नहीं है। चाहे निषेचित हो या अनिषेचित, अण्डे के ऊपरी भाग पर हजारों सूक्ष्म छ्रि्र होते है, जिनसे अनिषेचित अण्डे का जीवन श्वास लेता है। ±±±

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