भारत में कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों के चलते पिटती है हर चौथी औरत …
एक रिसर्च में सामने आया है कि यहां सेक्स के दौरान ज्यादातर मर्द कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते। इतना ही नहीं वो अपनी बीवी को गर्भनिरोधक दवाई का भी इस्तेमाल करने देना नहीं चाहते। मर्दों की यही जिद पति-पत्नी के बीच मारपीट (घरेलू हिंसा) की वजह बनती है। तो आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि कैसा-कैसा सच सामने आया है इस रिसर्च में।
बिना कंडोम सेक्स करने की जिद
इंडियन जर्नल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन के नए अंक की एक रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं। नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे के हिसाब से भारत में 37% औरतें अपनी शादीशुदा जिंदगी में सेक्शुअल, मानसिक और शारीरिक हिंसा सहती हैं। सर्वे में ये भी सामने आया कि ऐसा करने वाले ज्यादातर आदमियों की महीने की सैलरी 25,000 रुपए से ज्यादा है। रिपोर्ट में सामने आया है कि मर्द महिलाओं को सिगरेट या प्रेस से जलाते भी हैं और फिर बगैर कंडोम के जबरन सेक्स करते हैं।
दिल्ली की 500 औरतों पर किया गया सर्वे
यह सर्वे दिल्ली की 500 औरतों पर किया गया। ये औरतें अलग-अलग तबके से थीं। लोगों का मानना होता है कि घरेलू हिंसा अक्सर कम पढ़ी-लिखी औरतों के खिलाफ होती है। लेकिन इस स्टडी में एक जरूरी बात सामने आई। कुछ ऐसी औरतें थीं, जो पढ़ी-लिखी नहीं थीं. कुछ ग्रेजुएट थीं। और कुछ डॉक्टरेट भी। इस सर्वे में 46% औरतों ने बताया कि उनके पति कंडोम का इस्तमाल करना नहीं चाहते। इस वजह से कई औरतें अपनी मर्जी के बिना प्रेग्नेंट हो चुकी हैं।
गर्भनिरोधक गोलियां खाने पर मिलती है सजा
गर्भ रोकने वाली दवाइयां इस्तेमाल करने पर वो मर्द उनके शरीर में रॉड, सेफ्टी पिन या दूसरी नुकीली चीजें चुभो देते हैं। 23% औरतें हर रोज मारपीट सहती हैं। 33% को आए दिन सिर्फ कॉन्डम के इस्तेमाल की वजह से गालियां सुननी पड़ती हैं।
खोखला हो जाता है औरत का शरीर
जो औरतें अपने पति पर निर्भर हैं उन्हें गर्भनिरोधक दवाईयां खरीदने तक के पैसे नहीं दिए जाते। औरतें बार-बार प्रेग्नेंट होती हैं और फिर बार-बार एबॉर्शन करवाए जाते हैं। ऐसे होने से औरत का शरीर बिलकुल खोखला हो जाता है। इस तरह के टॉर्चर की वजह से औरतों के शरीर और दिमाग की हालत काफी खराब हो जाती है। उनके शरीर में खून की बहुत कमी हो जाती है। कम उम्र में ही वो बहुत कमजोर हो जाती हैं। बच्चे पैदा करने में कई बार उनकी मौत भी हो जाती है।