नेपाल-भारत हस्तकला पर्रदर्शनी
उज्ज्वलकुमार झा
काठमांडू। नेपाल में हाल ही नेपाल-भारत हस्तकला पर््रदर्शनी समाप्त हर्ुइ है । वी.पी कोइराला स्मृति फाउण्डेशन द्वारा पहलीबार काठमांडू के नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति डा. रामवरण यादव द्वारा किया गया। कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि के रुप में राष्ट्रपति डा. यादव, विशिष्ट अतिथि में नेपाल के लिए भारतीय राजदूत जयन्त प्रसाद, अतिथि में नेपाल पर्यटन बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष सुवास निरौला और गोवा के हस्तकला अध्यक्ष थे।

कार्यक्रम को संबोधन करते हुए भारतीय राजदूत जयन्त प्रसाद ने कहा कि नेपाल एक बहुकलात्मक देश है, जहाँ इण्डोएशियन और तिबतीयन देशों की कला देखने को मिलती है। यहाँ की अनोखी कलाओं की ख्याति विश्व भर में है। जैसे कि जनकपुर के जानकी मन्दिर का उदाहरण ले सकते है। और भारत भी कला में निपुण है। इस समारोह से नेपाल-भारत के कलाकार लोग एक-दूसरे से सीख सकतें है और अपनी कलाओं में निपुणता प्राप्त कर सकते हैं।
इसी तरह कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुए राष्ट्रपति डा. रामवरण यादव ने कहा- नेपाल कला के क्षेत्र में भरपूर है। इस देश की कला देश-विदेश में प्रख्यात है। खास तौर पर मिथिला कला की चर्चा सारे विश्व में है। इतना ही नहीं अगर कला ही देखना है तो पाटन और भक्तपुर जाएँ, जहाँ गली-गली में हस्तकलाओं के दृश्य नजर आएँगे। इसी तरह भारत भी कला में बहुत ही प्रख्यात है। जैसे कि ताज महल इसका एक उदाहरण है।