वीरगंज में पैसा नहीं पर्सन (काम)जीतेगा और मैं इसका उदाहरण बनुँगा : ओमप्रकाश सर्राफ
मैं जनता का आधिकारिक उम्मीदवार हूँ, जनता की उम्मीद का उम्मीदवार हूँ ।
ओमप्रकाश सर्राफ क्षेत्र नम्बर १ के ख क्षेत्र से विधायक पद के स्वतंत्र उम्मीदवार हैं और एक कर्मठ जुझारु व्यक्तित्व भी । मधेश आन्दोलन में आपकी स्वतंत्र भूमिका रही है । आगामी चुनाव के मद्देनजर हिमालिनी की उनसे हुई बातचीत का संपादित अंश ।
१. आपकी उम्मीदवारी स्वतंत्र प्रत्याशी के रुप में क्यों है ।
आपने सही प्रश्न किया । सभी की यह जिज्ञासा है । इस सन्दर्भ में मेरा यही कहना है कि आज तक जो भी दलगत प्रतिनिधि बीरगंज से गए हैं उन्होंने बीरगंज की ही उपेक्षा की है । इसी उपेक्षा और जो दलीय सिन्डीकेट है और जो गलत दलीय निर्णय इनके द्वारा वीरगंज के विरोध में होता आया है उसे तोड़ने के लिए उसे हटाने के लिए ही मैं स्वतंत्र प्रत्याशी के रुप में जनता के समक्ष आया हूँ ।
२. आप राजपा नेपाल के सक्रिय सदस्य रहे हैं और उसी से आपने राजनीति की शुरुआत की फिर आपकी स्वतंत्र उम्मीदवारी क्यों ?
हाँ मैं राजपा नेपाल से आबद्ध था । पर एक बात आपको समझना होगा कि राजनीति जनता के लिए की जाती है जहाँ जनता की भावना की कद्र होनी चाहिए । राजनीति का जो आपका क्षेत्र है, वहाँ की जनता की क्या उम्मीद है, वो क्या चाहती है और किसे अपने प्रतिनिधि के रुप में चाहती है यह दल और राजनीति कर्मी दोनों को देखा चाहिए । बस यह समझिए कि मेरी स्वतंत्र उम्मीदवारी वीरगंज की जनता की उम्मीदवारी है, वीरगंज की आवाज है और उसकी उम्मीद भी है । मेरी जो भूमिका रही है मधेश के लिए और जो कुछ करने का अवसर मिला है मुझे उसे और मजबूत आधार देने के लिए मेरी उम्मीदवारी है और मेरे साथ वीरगंज की अवाम है जिनके लिए मैं आज चुनावी मैदान में हूँ ।
३. ओमप्रकाश जी ये सभी जानते हैं कि आज की राजनीति पैसे की राजनीति है, सिद्धान्तहीन राजनीति है, वोट बिकता है और बड़े दल इसमें सक्रिय भूमिका निभाते हैं ऐसे में क्या आपको लगता है कि आप इस जंग को या जनता के दिल को जीत पाएँगे ?
मैं शुरु से सत्य की लड़ाई लड़ता आया हूँ और मुझे पूरा यकीन है कि सत्य कभी हारा नहीं है । पर आज के समय में ये जो प्रमुख दल हैं खास कर नेपाली काँग्रेस और एमाले इसमें जो विकृति थी मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि यह विकृति मधेशवादी दल में भी अपने पैर पसार चुकी है इनमें भी यह सोच है कि पैसे वाले ही चुनाव जीत सकते हैं और उन्हें ही टिकट दिया जाना चाहिए जहाँ अपने ही कर्मठ युवाओं को नजरअंदाज किया जाता है, जहाँ सिर्फ युवाओं का प्रयोग किया जाता है । जो युवा अपना भविष्य राजनीति में होम कर रहे हैं और जिनकी जनता में अच्छी पहचान है उसे किनारे किया जाता है, मैंने कर्मठता से राजपा नेपाल का साथ दिया पर मेरे साथ अन्याय हुआ । बस इसके विरोध में मेरी उम्मीदवारी है । और मुझे वीरगंज की जनता पर विश्वास है कि वो पैसे को नहीं पर्सन (काम)को देखेंगे, न्याय करेंगे और अपनी जीत तय करेंगे । एक जो धारणा बन गई है कि वीरगंज में पैसा जीतता है उसे यहाँ की जनता खंडित करेगी यह मेरा विश्वास है । यहाँ पैसेवाला नहीं चरित्रवाला जीतेगा और मैं इसका उदाहरण बनुँगा ।
४. सर्राफ जी आज की राजनीति में जो ये बागी उम्मीदवारी का दौर चला है आपको क्या लगता है इसका समाज पर क्या असर पड़ेगा ?
मैं जनता का आधिकारिक उम्मीदवार हूँ, जनता की उम्मीद का उम्मीदवार हूँ आप यह जानिए कि मैं बागी उम्मीदवार नहीं हूँ और ना ही किसी को हराने के लिए उम्मीदवारी दी है मैं वीरगंज को जिताने के लिए उम्म्दिवार बना हूँ, युवाओं का उम्मीदवार हूँ । मुझे पार्टी ने टिकट नहीं दिया मैं शांत था पर मुझे मेरे समर्थकों ने, वीरगंज की जनता ने बाधित किया कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए और उनका पूरा समर्थन मिलेगा और तभी अंतिम समय में मैंने अपनी उम्मीदवारी दी इसलिए मैं कहता हूँ कि मैं जनता का आधिकारिक उम्मीदवार हूँ और जनता ही मुझे जिताएगी क्योंकि मेरे माध्यम से जनता को जीतना है उनकी उम्मीद को जीतना है उनके आशीर्वाद की जीत होनी है । मैं जनता की आवाज बनुँगा । किसी भी दल की भाषा नहीं बोलुँगा मैं सिर्फ और सिर्फ जनता के लिए बालुँगा और वीरगंज के लिए बोलुँगा । वीरगंज को राजधानी बनाने के लिए, यहाँ विश्वविद्यालय बनाने के लिए अगर संसद में आमरण अनशन भी करना पड़ा तो मैं पीछे नहीं हटुँगा । मधेश की समस्या, मधेशवाद और मधेश के विकास से मैं पीछे नहीं हटुँगा । मैं इसके लिए प्रतिबद्ध हुँ ।
५. आपका चुनावी ऐजेंडा क्या है ?
देखिए नेता और दल आज तक झूठ का ऐजेंडा और झूठे सपनों का पुलिंदा बाँटते हैं । जीतकर जाते हैं और भूल जाते हैं । मेरे पास झूठ का पुलिंदा नहीं है मैं बस यह कहता हूँ कि वीरगंज का सम्पूर्ण विकास और मधेश समस्या का समाधान यह मेरा लक्ष्य है और मैं इसी के साथ आगे बढ रहा हूँ । मैं अकेला नहीं हूँ मेरे साथ मेरी वीरगंज की जनता है और उनका मजबूत साथ है इसलिए यह मत सोचिए कि मेरी राजनीति क्षणिक है मैं हमेशा जनता के साथ उनकी परेशानियों में खडा रहा हूँ आज बस विधायक के रुप में एक आधार चाहिए, एक लाइसेस चाहिए जिसकी परीक्षा का समय है और यह परीक्षा जनता ही अपना आशीर्वाद देकर पास कराएगी । जनता के पास तो मैं हूँ और हमेशा रहूँगा । यह मेरा खुद से, अपने क्षेत्र से अपनी जनता से और मधेश से वादा है जिसे मैं आज भी पूरा करने की कोशिश करता हूँ और कल भी करुँगा । मैं किसी पार्टी की नीति के साथ नहीं जनता की नीति के साथ चलूँगा ।