Fri. Dec 13th, 2024

अाज है भैरवअष्टमी कैसे करें पूजा

 

 

10 नवंबर को है भैरव अष्टमी, मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरवाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। कहते हैं इसी दिन भगवान महादेव ने कालभैरव के रूप में अवतार लिया था। इस दिन कालभैरव के मंदिर में जाकर उनकी प्रतिमा पर सिंदूर और तेल चढ़ाएं और मूर्ति के सामने बैठकर काल भैरव मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। साथ ही भैरव की प्रिय वस्तुयें जैसे काले तिल, उड़द, नींबू, नारियल, अकौआ के पुष्प, कड़वा तेल, सुगंधित धूप, पुए, मदिरा और कड़वे तेल से बने पकवान दान कर सकते हैं।

यह भी पढें   भारतीय दूतावास द्वारा लुम्बिनी में भारत-नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन

 

मिलते हैं ये लाभ 

कालभैरव की पूजा का सबसे बड़ा लाभ ये होता है कि इससे सभी प्रकार के अनिष्ट का निवारण हो जाता है। साथ ही रोग, शोक, दुखः, दरिद्रता से मुक्ति मिलती है, और जीवन सुखमय होता है। भैरवजी के दर्शन, पूजा से सकंट और शत्रु बाधा का भी निवारण होता है। इसके साथ ही अगर इस दिन भैरव जी के वाहन कुत्‍ते को गुड़ खिलाया जाए तो दसों दिशाओं में नकारात्मक प्रभावों समाप्‍त हो जाते है और पुत्र की भी प्राप्ति होती है।

यह भी पढें   आज का पंचांग: आज दिनांक12 दिसंबर 2024 गुरुवार शुभसंवत् 2081

 

About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
%d bloggers like this: