लंदन 2012: क्या ओलिम्पिक से बढ़ेगी वेश्यावृति?
Webduniya:विश्व कप और ओलिम्पिक जैसे बड़े खेल आयोजनों के साथ ही अक्सर वेश्यावृति में बढ़ोतरी की चेतावनी जारी की जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आयोजन करने वाले शहरों में बड़ी संख्या में दर्शक आते हैं। लेकिन क्या लंदन में ओलिम्पिक की वजह से वेश्यावृति में वाकई बढ़त आ सकती है?
चेतावनी में चिंता जताई जाती है कि आयोजनों में आने वाली भीड़ की ‘इच्छाएं’ पूरी करने के लिए आयोजक देश में हजारों महिलाओं की तस्करी की जा सकती है। इसी तरह की चेतावनी काफी समय पहले लंदन ओलिम्पिक के लिए भी जारी की गई।
साल 2010 जनवरी में तत्कालीन ओलिम्पिक मंत्री टेसा जोवेल ने ब्रिटेन में सांसदों से कहा, ‘बड़े खेल आयोजन वैश्विक वेश्यावृति और मानव तस्करी उद्योग के लिए चुंबक साबित हो सकते हैं। ये स्वीकार्य नहीं है। मुझे विश्वास है कि इस काम के लिए तस्कर लंदन ओलिम्पिक का दुरुपयोग नहीं करेंगे।’
सवाल : अमेरिका के एक वेश्यालय के मालिक डेनिस हॉफ ने बताया, ‘मुझे उम्मीद है कि ओलिम्पिक के दौरान लंदन में दक्षिण-पूर्वी एशिया, अल्बानिया, अफ्रीका से कम से कम एक हजार लड़कियां प्रवेश करेंगी। कई ऐसे गिरोह भी होंगे जो मादक पदार्थों की तस्करी और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो।

ओलिम्पिक के दौरान वैध तरीके से वेश्यालय चलाने की इच्छा रखने वाले हॉफ ने कहा कि उनके इस अनुमान का आधार साल 2010 में कनाडा में हुए विंटर ओलिम्पिक के दौरान जुटाई गई जानकारियां है।
लेकिन क्या ये चेतावनी सही है?
कनाडा के वेंकूवर में हुए विटर ओलिम्पिक से पहले भी ऐसी ही चेतावनी दी गई थी। हालांकि बाद में ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओ की एक शोध में पता चला कि वहां मानव तस्करी नहीं हुई थी।
शोध : शोध के अनुसार इस मामले पर सनसनीखेज मीडिया कवरेज के बावजूद ऐसा कोई तथ्य नहीं पाया गया जिससे ये साबित हो कि विंटर ओलिम्पिक की वजह से वेंकूवर में वेश्यावृति के लिए लड़कियों की तस्करी की गई हो।
लंदन एसेंब्ली के रूढ़िवादी सदस्य एंड्रयू बॉफ ने भी एक रिपोर्ट तैयार की जिसमें यहीं पता चला कि खेल आयोजनों की वजह से वेश्यावृति में बढ़ोतरी हुई, ये साबित करने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ओलिम्पिक का समय नजदीक आ रहा है, वेश्यालयों में छापे मारे जा रहे हैं। पिछले 20 महीनों में 80 वेश्यालय बंद भी कराए जा चुके है। दूसरी तरफ यौनकर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों की मांग है कि ओलिम्पिक खत्म होने तक यौनकर्मियों की गिरफ्तारी और निर्वासन पर रोक लगा दी जाए।