Thu. Mar 28th, 2024

………बिम्मी शर्मा, वीरगंज | देश की राजनीति चरम पद लोलुपता और भ्रष्टाचार के दलदल में धंस कर बार-बार घायल हो रही है । तभी तो कभी कोई राजनैतिक दल का टूटफूट हो जाता है तो कभी कोई प्रदेश का मंत्री किसी सरकारी उच्च अधिकारी से मारपीट करता है । पृथ्वी नारायण शाह द्धारा ढाई सौ साल पहले किया गया कथित एकता का वर्तमान में भी तोते की तरह रट लगा कर उन की जयंती मना रहे दिन पृथ्वी दिवस में ही हाल में ही गठन हुई नयीं पार्टी टूट कर दो टुकड़े हो जाती है । इस देश की राजनीति बार-,बार खंडित होती है, घायल भी होती है फिर भी किसी गभींर बिमारी से ग्रसित मरीज की तरह जिंदा है । किसी भी राजनीतक दल का टूटफूट होना और फिर एक हो जाना कोई नईं बात नहीं हैं । विगत में इस देश के राजनैतिक ईतिहास में बहुत बार ऐसा हो चुका है चाहे नेपाली काग्रेंस हो या नेकपा एमाले या एमाओवादी या फिर सदभावना पार्टी या फोरम । सभी कई-कई बार टूट कर फिर जुड़े है ।

गोया राजनीति न हुई कोई महंगी चाय की प्याली हो गई जिसको टूटने पर फिर से जोड दिया गया । आईने को भी टूटने के बाद फिर से जोडा जाता है पर उस में किरचें रह जाती है । अब राजनीति कोई आईना तो है नहीं कि फिर से सुपर ग्लू या क्विक फिक्स से जोड़ दिया जाए । क्यों कि ईमानदारी की सुपर ग्लू या नैतिकता की क्विक फिक्स ईस देश में न बनती है और न टिकती है । जब कोई नयीं राजनैतिक दल का गठन किया जाता है उस समय आदर्श और सिद्धांत की बड़ी बड़ी बातें कही जाती है पर जब उस को व्यवहार में लाया जाता है तब अहम के टकराव से पार्टी चूरचूर हो जाती है । फिर एक दूसरे पर आरोपों औंर गाली, गलौज का दौर चलता है । मीडिया और शोसल मीडिया में पक्ष, विपक्ष में कहकहें लगाए जाते हैं । फिर कुछ दिनों बाद सब कुछ शांत हो जाता है जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो । जैसे बडे से बडे ट्रेन या प्लेन हादसें को भी लोग कुछ दिनों बाद भुला देतें हैं तो यह किसी राजनैतिक दल का टूटफूट होना या फिर एक हो जाना कौन सी बडी बात है । राजनीति के दलदल में यह सब चलता रहता है । इस राजनैतिक दलदल में सिर्फ कीचड़ ही है इसमे कमल के फूल के खिलने की उम्मीद रखना ही बेकार है । राजनीति कोई इंसान तो है नहीं कि किसी को इस के घायल होने से कोई दुख हो । या कोई इस के गभींर रुप से दुर्घटना ग्रस्त होने पर इसे अस्पताल ले जा कर ईलाज करवाए । सब को अपनी पडी है कौन राजनीति के बीमार या घायल होने पर चितिंत हो ।

इस देश में जो जितना बडा सौदेबाज और धोखेबाज है वह उतना ही बडा राजनीतिज्ञ है और वह खुद कभी घायल नहीं होता पर राजनीति को अपने चरम भ्रष्टाचार और बेईमानी से घायल कर देता है । राजनीति के बार, बार घायल होने से देश की अवाम भी विक्षिप्त सी हो गई है । पर गलती इस देश की अवाम की है जो चंद पैंसो में बिक कर और लुभावने वादों पर रीझ कर गलत प्रतिनिधि को चुनती है और जिंदगी भर अपना सिर धुनती है । चावल से कंकड़ बिनने जितना आसान नहीं है किसी सही प्रतिनिधिको बिनना या चुनना । पर जनता को यही सिखाया गया है कि नेता की मीठी जुबान और आश्वासन पर फिसल जाओ और अपने बहूमूल्य मत से मालामाल कर दो । भले ही जीत कर संसद पहुंचा वह नेता या प्रतिनिधि आप को भविष्य में कंगाल कर दें । इसी लिए तो राजनीति बार बार घायल होती जा रही है । कल राजनीतिक दल गठन किया और आज ही आप को मंत्री की कुर्सी या कोई बडा संवैधानिक पद चाहिए । भले ही ईस के लिए बेईमानी और अनैतिक कार्य कर के सरेआम नंगा होना पडे । छोटी थाली में खाना मजूंर है पर घर और पद दोनों बडा चाहिए । भले ही कद बहुत छोटा हो पर पद और पदक बडा पाने के लिए राजनीति के दलदल में फिसलने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं ।

सिर्फ नेता ही क्यों इस देश के नौकरशाह और साधारण जन भी अपने कद से बडा पद चाहते है । अपना चेहरा कोई आईने मे नहीं देखता पर दुसरों के शिशे के घर में ताकझांक कर के पत्थरबाजी करने में ईन्हे बडा आनन्द आता है । क्यों कि यह परपीडक है । दूसरों को दुख पहुंचा कर या पीडा देकर ईन्हे बडी खुशी मिलती है । तभी तो ईस देश की राजनीति कभी परिपक्व नहीं हुई । अब अपरिपक्व इंसान या छोटा बच्चा अपने लड़खड़ाते पैरों से रास्ते में चलेगा तो किसी हादसे में पड कर घायल तो होगा ही । जब तक निष्ठा की राजनीति कोमा में रहेगी और आदर्श और सिद्धांत को पान की तरह चबा कर पीक की तरह थूक दिया जाता रहेगा तब तक राजनीति चरम पदलोलुपता और भ्रष्टाचार के दलदल में धंस कर घायल होती रहेगी । और ईस देश में लाउडा कांड, वाईडबडी कांड, ३३ किलो सोना कांड और निर्मला जैसों का बलात्कार और हत्या होती ही रहेगी और ईस देश का शासक नीरो की तरह बांसुरी बजा कर अपने ही धुन में अपने राज्य को ध्वस्त होते हुए देखता रहेगा । ईस देश की राजनीति घायल थी और हमेशा घायल ही रहेगी । क्योंकि शासक वर्ग यही चाहता है ।



About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Loading...
%d bloggers like this: