भगवान राम से जुड़े तीर्थस्थानों की यात्रा कराने के लिए रामायण एक्सप्रेस की शुरुआत
भगवान राम से जुड़े तीर्थस्थानों की यात्रा कराने के लिए रामायण एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव ने बताया कि 10 मार्च के बाद यह ट्रेन चल सकती है। हफ्ते भर के भीतर इसका वार्षिक कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा।
यादव ने कहा, ‘रामायण एक्सप्रेस उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में अलग-अलग स्थानों से चलेगी ताकि देशभर के लोग इसकी सेवा का लाभ उठा सकें। ट्रेन की बाहरी और आंतरिक साज-सज्जा तथा स्वरूप रामायण पर केंद्रित होगा। हम इसमें भजन चला सकते हैं। आईआरसीटी इसके कार्यक्रम और पैकेज पर विचार कर रहा है और होली के बाद ट्रेन शुरू होने की उम्मीद है।’
‘श्री रामायण एक्सप्रेस’ की सेवा 14 नवंबर से शुरू हुई थी, जिसमें एक बार में 800 यात्री सफर कर सकते हैं। इसके रूट में नंदीग्राम, सीतामढ़ी, जनकपुरी, वाराणसी, प्रयाग, श्रंगवेरपुर, चित्रकूट, नासिक, हंपी, अयोध्या और रामेश्वरम शामिल हैं। नई रामायण एक्सप्रेस का यात्रा कार्यक्रम अभी जारी नहीं हुआ है।
आईआरसीटीसी ने 2018 में यह ट्रेन सेवा शुरू की थी। इसके तहत पूरे देश सहित श्रीलंका में जहां-जहां प्रभु श्रीराम के चरण पड़े, उन जगह के दर्शन करना आसान बनाने की कोशिश की गई थी। श्री रामायण एक्सप्रेस अपना पूरा सफर 16 दिन में पूरा करती है। इस विशेष ट्रेन का सफर दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू होता है। सबसे पहले ट्रेन अयोध्या जाएगी।