161 वीं मालवीय जयन्ती- एक समीक्षा : प्रकाश प्रसाद उपाध्याय
प्रकाश प्रसाद उपाध्याय, दिसंबर महीने की 25 तारीख – मानव जाति के कैलेण्डर का एक
प्रकाश प्रसाद उपाध्याय, दिसंबर महीने की 25 तारीख – मानव जाति के कैलेण्डर का एक
हिमालिनी, अंक- दिसंबर 2019 ।सन् २०१९ का पटाक्षेप होकर विश्व जहां सन् २०२० के सूर्य
हिमालिनी, अंक अप्रील 2019 | कभी–कभी जब विदेश के मेरे मित्र फोन पर पूछा करते
हिमालिनी, अंक जनवरी 2019 | ऐतिहासिक या धार्मिक महत्व के दर्शनीय स्थलों की यात्रा मे
हिमालिनी,अंक दिसम्बर, २०१८ | हिमालय, पर्वतीय और तराई क्षेत्र के रूप में प्रकृति द्वारा विभाजित
हिमालिनी, अंक अगस्त 2018 । वेद, पुराण, विभिन्न धर्मों से संबंधित कृत्य, अनुष्ठान, रीति–रिवाज, परंपरा
पर्यटन के पीछे मनोरंजन की भावना जुटी होती है । पर्यटकों को यह मनोरंजन विभिन्न देशों
हिमालिनी,अंक जून २०१८ | पिछले अंक में मैने नेपाल को अलौकिक सुंदरता प्रदान करने वाले
विगत अंकों में मैने नेपाल के विभिन्न दर्शनीय पर्यटन स्थलों की चर्चा की, जिसे पढ़ने
किसी शायर ने सही में कहा है–जीवन चलने का नाम, चलते रहो सुबहो–शाम पर्यटन की
प्रकाशप्रसाद उपाध्याय नियात्रियों का मन सदैव नई–नई जगह की सैर करने के लिए उत्सुक रहता
लुम्बिनी का नाम लेते ही हमारे सामने शांत मुद्रा में बैठा एक करुणामय मूर्ति का
प्रकाशप्रसाद उपाध्याय विगत फरबरी महीने के अंक में मैंने पश्चिम नेपाल की यात्रा का वृत्तांत
प्रकाशप्रसाद उपाध्याय नियात्रा जीवन को ताजगी, स्फूर्ति और आनंद से भरने का एक ऐसा माध्यम
प्रकाशप्रसाद उपाध्याय विगत नवंबर महीने में जब ज्योतिर्लिङ्ग रथ यात्रा सुदूर पश्चिम से पूर्व झापा
प्रकाशप्रसाद उपाध्याय भारत प्रवास काल में पर्यटकीय महत्व के विभिन्न ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
प्रकाशप्रसाद उपाध्याय उच्च शिक्षा के सिलसिले में दिल्ली में था । शिक्षार्जन के साथ ही
सामान्य रूप से यह माना जाता है कि ‘मधेश’ शब्द ‘मध्यदेश’ शब्द से बना है
प्रधानमंत्री जी आखिर कितने सपने दिखाएँगे ? काठमान्डौप्रकाश प्रसाद उपाध्याय नेपाली जनता पिछले कई वर्षों
प्रकाश प्रसाद उपाध्याय, काठमांडू, 15 फरवरी ।‘नेपाली भारत विरोधी हैं या नेपाल भारत विरोधी लहर
प्रकाशप्रसाद उपाध्याय:यह कहानी, कहानी क्या एक सत्य कथा है, एक युवक की, जिसे भूत की
आषाढ के महीने को आकाश में मंडराते और गरजते हुए बादल और जमीन पर बरसे
पिछले कई महीनाेंं से पर्यटन स्तम्भ के लिए चलायमान मेरी लेखनी कुछ दिनों से उस