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ये अदृश्य रक्तबीज कोरोना, रहो घरों में कोई डरो ना : प्रदीप बहराइची

वक्त कठिन, है कड़ी परीक्षा,
राह न भटकें समय की शिक्षा।

ये अदृश्य रक्तबीज कोरोना ,
रहो घरों में कोई डरो ना ।

है विनाश का मंजर सम्मुख,
साथ रहे, न रहेगा ये दुख।

अंधड़ है पर राह न छोड़ें,
मिल विपदा का गुरूर तोड़ें।

आती – जाती हैं बाधाएँ ,
परिस्थितियों से न घबराएँ।

व्याकुलता से करें किनारा,
नाहर बन, जो कभी न हारा।

आओ हम सब कसम उठायें,
राष्ट्र स्वयं हम, राष्ट्र बचायें।

प्रदीप बहराइची
बहराइच, उ.प्र.
(भारत)
8931015684

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