Fri. Mar 29th, 2024

अभी नेपाल के बैंकिंग क्षेत्र में कई समस्याएं विद्यमान हैं । आन्तरिक रूप में बैंकिंग  के संपर्ण् तथ्य तथ्यांक नहीं मिलने के बावजूद जो भी बातें बाहर मीडिया के जरिये या बैंक के उपयोगकर्ता के जरिये मिलती है उससे एक बात तो साफ है कि बैंकिंग क्षेत्र में समस्या तो है । मेरे हिसाब से ये समस्या एक निश्चित क्षेत्र में ही घर जमीन या शेयर मार्केट में अधिक निवेश की वजह हुआ है । पिछले कुछ समय से बैंक और वित्तीय संस्थाओं के क्षेत्र में समस्या और भी जटिल होता जा रहा है । यह जटिलता आने के पीछे कई कारण है । जिस ढंग से निक्षेपकर्ताओं का पैसा सदुपयोग किया जाना चाहिए वह उस ढंग से नहीं किया जा सका । गलत तरीके से इसका दुरूपयोग किए जाने से से बैंकिंग क्षेत्र शंका के घेरे में आया है ।
बैंकों में जितनी भी समस्याएं देखने को मिल रही है इसका उजागर केन्द्रीय बैंक ने ही किया है । राष्ट्र बैंक के अनुगमन निरीक्षण करने की प्रक्रिया में ये सभी समस्याएं सतह पर आयी हैं । राष्ट्र बैंक के गवर्नर ने निरीक्षण के क्रम में अपनी कुछ कमजोरियों को स्वीकार किए जाने के बाद इस क्षेत्र में समस्या नहीं है इस बात को नहीं माना जा सकता है । नीतिगत बातों में भी कुछ कमी कमजोरी दिखाई देती है । राष्ट्र बैंक किसी भी बैंक को इस प्रकार का निवेश करने या नहीं करने को कहा था लेकिन बैंको ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए रियल स्टेट में ही निवेश को अधिक महत्व दिया । जब एक ही क्षेत्र में अधिक निवेश किया जाता है तो ऐसे में जोखिम बढना स्वाभाविक है । रियल स्टेट में सिर्फ२० प्रतिशत निवेश की नीति के विपरित बैंकों और वित्तीय संस्थाओं ने अपनी मनमर्जी की । इसमें विकृति फैलाने के लिए रकम का जमकर दुरूपयोग किया गया ।
जहां तक शेयर बाजार की बात है तो इस समय शेयर बाजार की स्थिति में सुधार आने के बावजूद कुछ समय पहले तक वहां की स्थिति भी डंवाडोल थी । कभी ११७२ अंकों की ऊंचाई पर रही शेयर बाजार एक समय लुढक कर २७२ तक आ पहुंची थी । इस तरह के शेयर मार्केट के धाराशायी होने के पीछे भी कहीं ना कहीं बैंकिंग क्षेत्र का ही हाथ है । इसका मुख्य कारण मार्जिन लैण्डींग अपने पास रहे शेयर किसी बैंक में रख कर कर्ज पाने और फिर उस कर्ज को फिर शेयर में निवेश करने का है । वास्तव में शेयर मार्केट जो कि निक्षेप संकलन कर सकती है, बचत कर सकती है ऐसे का ही निवेश होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होने पर केन्द्रीय बैंक ने कर्डाई करना शुरू किया था । बैंक के ही बचत से शेयर मार्केट में उछाल आना स्वच्छ क्रियाकलाप नहीं है ।
मौद्रिक नीति से रियल स्टेट घर जमीन शेयर मार्केट में देखी गई समस्या और कतिपय स्थानों पर हुए पूंजी पलायन की समस्या का समाधान होने का विश्वास व्यक्त किया गया था । इससे तरलता का अभाव भी साफ झलकता है । इसका मतलब यह है कि निवेश करने के लिए इस समय बैंको के पास रकम का अभाव था ।
-लेखक योजना आयोग के उपाध्यक्ष हैं ।)



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