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मैथिली कथासंग्रह “कफ्र्यू” का लोकार्पण

काठमांडू, 13 अप्रैल, 2021। मैथिली साहित्यकार तथा पत्रकार विजेता चौधरी द्वारा लिखी गई कहानी संग्रह का कल 12अप्रैल को विमोचन किया गया । काठमांडू स्थित नेपाल पत्रकार महासंध के केन्द्रीय कार्यालय के सभाकक्ष में एक कार्यक्रम के बीच मैथिली साहित्यकार रुपा झा ,महिला उधमी एवम मैथिली साहित्यकार विभा झा कृष्णचन्द्र मिश्र पब्लिेकशन के प्रबंध निर्देशक सच्चिानंद मिश्र, वरिष्ठ प्रत्रकार रंजन झा तथा वरिष्ठ पत्रकार एवम मैथिली साहित्यकार अमेरेन्द्र यादव ने संयुक्त रुप से कथा संग्रह कफ्र्यू का विमोचन किया । १८ कहानी समाबेश इस कथा संग्रह में लेखिका विजेता चौधरी ने बदलते समाजिक परिवेश , महिला सशक्तिकरण , और विभेद के विरुद्ध आवाज उठाई है ।
इस अवसर पर लेखिका विजेता ने कहा कि वैसे तो जितनी भी बार पढूँ अपनी कहानियों को तो लगता है कि कुछ न कुछ कमी रह गई है । परन्तु कुछ कहानियों को पढ़ने बाद पता चलता है कि सचमुच ये कहानी बहुत ही बेहतरीन लिखी गई है । वैसे अपने जन्म दिए हुए सभी बच्चे प्यारे होते हैं । समाज में हो रहें घटनाओं का या फिर अपने अलग बगल में कुछ हो घटनाओं का ही जिक्र किया है उन्होंने अपनी कहानियों में । अपनी कहानियों को वो उस तबके तक पहुँचाना चाहती हैं जिस तबके के लोगों के लिए उन्होंने लिखा है । ये उनकी दिली तम्मना है ।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मैथिली साहित्यकार रुपा झा जी ने कहा कि –अभी भी महिलाओं में साहित्य के प्रति बहुत ज्यादा रुचि नहीं आई है । वो अन्य अन्य बातों में अपना समय खर्च करती हैं मगर साहित्य संबंधी कोई भी कार्यक्रम में वो सहभागी नहीं होना चाहती है । ये बातें उन्हें बहुत कचोटती है । मगर ऐसी अवस्था में कहानीकार विजेता चौधरी जी कफ्र्यू का विमोचन होना एक सार्थक शुरुआत है , एक सुखद अनुभूति है । महिलाए भी इस क्षेत्र में आए और अपना महत्वपूर्ण योगदान मैथिली साहित्य में दें ।

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इसी तरह पुस्तक पर परिचर्चा करते हुए पत्रकार तथा मैथिली साहित्यकार अमरेन्द्र यादव जी ने कहा कि – इस कथा संग्रह के बाद कथाकार विजेता चौधरी जी एक सशक्त कथाकारके रुप में जानी जाएंगी ।
कृष्णचन्द्र मिश्र पब्लिेकशन के प्रबंध निर्देशक सच्चिानंद मिश्र ने कहानीकार विजेता को बहुत बधाई दी और कहा कि निरंतर उनकी लेखनी चलती रहें ।

 

पुस्तक पर चर्चा करते हुए महिला उद्यमी एवम मैथिली साहित्कार विभा झा ने कहा कि – कहानीकार विजेता चौधरी की लेखनी बहुत सशक्त है और हमें भी प्रेरित करती है कि अगामी दिन में हम भी मैथिली साहित्य में लिखें । उनकी प्रत्येक कहानी में कुछ न कुछ संदेश दिया गया है जो पाठक के हृदय को छुता है ।

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पुस्तक पर चर्चा करते हुए पद्मकन्या बहुमुखी क्याम्पस की उप प्राध्यापक कंचना झा ने कहा कि – वैसे तो मैथिली साहित्य बहुत समृद्ध है । मगर महिला लेखिका की कमी हमेशा से रही है । ऐसी अवस्था में विजेता की कहानी संग्रह का आना एक सुखद संदेश हैं । उनकी कहानियों में गाँव घर के मिट्टी की सुगंध आती है । पात्रों के नाम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कहानी में पात्रों के नाम का विशेष ख्याल रखा जाता है जो पाठक को सहज ही अपना बना लेता है और इस काम में विजेता पूर्ण सफल हुई हैं ।समाज में रोजाना जो घटनाए हो रही है उसे विजेता ने अपनी कहानियों में बहुत गहराई से चित्रण किया है । प्रस्तुति : कंचना झा

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