शिव पुराण से भारत नेपाल की सीमा हुई भक्तिमय

बीरगंज के आदर्श नगर ग्राउंड में श्री डोलेश्वर महादेव शिव महापुराण का वाचन सीहोर के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा किया गया। 17 से 23 मई 2023 तक यह वाचन चला जिसमें नेपाल के हर भाग से लाखों भक्त प्रतिदिन बीरगंज (नेपाल) पहुंचे थे।



सुनील कुमार खेतान जी और खेतान परिवार (बीरगंज) द्वारा ये भव्य शिव पुराण का आयोजन किया गया था। पुरुषार्थी आश्रम सेवा ट्रस्ट हरिद्वार के निरंजन जी महाराज का सम्पूर्ण सहयोग रहा।
शिव भगवान् की इतनी कृपा सभी पर दृश्यमान लग रही थी कि सभी बहुत प्रसन्न दिख रहे थे।
शिव पुराण में शिव को पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर के रूप में स्वीकार किया गया है। शिव-महिमा, लीला-कथाओं के अतिरिक्त इसमें पूजा-पद्धति, अनेक ज्ञानप्रद आख्यान और शिक्षाप्रद कथाओं का सुन्दर संयोजन रखा गया । इसमें भगवान शिव के भव्यतम व्यक्तित्व का गुणगान किया गया। शिव- जो स्वयंभू हैं, शाश्वत हैं, सर्वोच्च सत्ता है, विश्व चेतना हैं और ब्रह्माण्डीय अस्तित्व के आधार हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने वाचन के समय कहा कि भारत और नेपाल की सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषा की एकता को ध्यान में रखते हुए धर्म और संस्कृति को संरक्षित करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि इन दो देशों की संस्कृति ही ऐसी है जिसमें प्रत्येक संबंध बताने वाले संबोधन एक है। दोनों देशों में माता-पिता, ताऊ या चाचा, मौसी, फुआ, मामा मामी जैसे संबोधनों के संबंध स्पष्ट हो जाता है। ऐसा दूसरी विदेशी भाषाओं या संस्कृतियों में नहीं है।
इस आयोजन में शंकर भोले का आशीर्वाद और प्रसाद लेने के लिए भारत नेपाल के प्रशासन राजनीति पुलिस पत्रकार इत्यादि सभी वर्गो के लोग पहुंचे थे।
इसी क्रम में रक्सौल से सीनियर इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा भी पहुंचे उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि शिव भगवान् जो स्वयंभू हैं, शाश्वत हैं, सर्वोच्च सत्ता है, विश्व चेतना हैं और ब्रह्माण्डीय अस्तित्व के आधार हैं। बीरगंज में शिव पुराण कथा में आने वाले भक्तो की संख्या बताती है कि नेपाल और भारत आज भी एक सी संस्कृति भाषा के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
