गृह मंत्री अमित शाह कोकराझार में एबीएसयू सम्मेलन में होंगे शामिल

प्रमोद कुमार मिश्रा,नई दिल्ली। ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) का 57वां वार्षिक सम्मेलन 13 से 16 मार्च 2025 तक कोकराझार के डोटमा स्थित बोदोफा फुथार में आयोजित होगा। यह सम्मेलन बोदोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्मा को समर्पित है, क्योंकि डोटमा उनका जन्मस्थान है।
इस सम्मेलन में नीति-निर्माता, शिक्षाविद् और सामुदायिक नेता एकत्रित होंगे, जहां शिक्षा, युवा विकास और दीर्घकालिक प्रगति पर विचार-विमर्श किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 मार्च को अंतिम दिन होने वाले खुले सत्र में शामिल होंगे, जिससे यह आयोजन और भी महत्वपूर्ण बन जाएगा।
इस सम्मेलन का उद्देश्य “मिशन क्वालिटी एजुकेशन मूवमेंट-2030” को आगे बढ़ाना है, जिससे शैक्षणिक ढांचे को मजबूत किया जा सके और कौशल विकास के अवसर बढ़ाए जा सकें। शिक्षा और युवा सम्मेलन में छात्रों और पेशेवरों को सशक्त बनाने की रणनीतियों पर चर्चा होगी, जबकि विशेषज्ञ नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के क्षेत्रीय शिक्षा पर प्रभाव का विश्लेषण करेंगे।
शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों के विचार विमर्श से शिक्षा और रोजगार के अवसरों में सुधार के व्यावहारिक समाधान तलाशे जाएंगे।
बोदोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्मा के विचारों पर विशेष सत्र
एक विशेष सत्र बोदोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्मा के विचारों और उनके सामाजिक परिवर्तन व सांस्कृतिक संरक्षण में योगदान पर केंद्रित होगा। पूर्व एबीएसयू नेता और बुद्धिजीवी उनके कार्यों पर चर्चा करेंगे और उनकी विरासत को बनाए रखने के तरीकों पर विचार करेंगे।
एक अन्य सत्र में बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (BTR) और असम में शांति, एकता और सतत विकास पर चर्चा होगी, जिसमें समुदायों के बीच सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।
एबीएसयू अध्यक्ष दिपेन बोरों ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा,
“यह सम्मेलन प्रगति की दिशा में एक कदम है, जहां विचारों का आदान-प्रदान होगा जो वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं। शिक्षा और सशक्तिकरण एक-दूसरे से जुड़े हैं, और यह भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब नेता, विशेषज्ञ और विचारक एक साथ आते हैं, तो सार्थक चर्चाएं ठोस कदमों में बदल जाती हैं। यह मात्र एक सम्मेलन नहीं है, बल्कि एक सहयोगी मंच है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों, पेशेवरों और नीति-निर्माताओं की आवाज़ें स्थायी परिणामों में तब्दील हों।”
सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह
चार दिवसीय इस कार्यक्रम में खेल प्रतियोगिताएं, साहित्यिक प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक संध्या और एक प्रदर्शनी सह पुस्तक मेला होगा, जिसमें बोडो विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। प्रमुख स्थलों को प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों के नाम पर समर्पित किया जाएगा, जिससे उनके योगदान को सम्मानित किया जा सके।
इसके अलावा, मैराथन दौड़ और पारंपरिक प्रदर्शन भी इस आयोजन को खास बनाएंगे।
सम्मेलन के दौरान एक सम्मान समारोह का आयोजन भी होगा, जिसमें पद्मश्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता डॉ. अनिल बरो, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। असम लोक सेवा आयोग (APSC) परीक्षाओं में सफल उम्मीदवारों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।
अंतिम दिन का ओपन सेशन: अहम नेता होंगे शामिल
अंतिम दिन के खुले सत्र में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा, बीटीआर के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बरो, वरिष्ठ मंत्री, सांसद और अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। इस दौरान शिक्षा, आर्थिक पहल और विकास कार्यक्रमों पर चर्चा होगी, जिससे विभिन्न दृष्टिकोणों को भविष्य की नीतियों में शामिल किया जा सके।
इस सम्मेलन की चर्चा सिर्फ मंच तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह आकांक्षाओं और कार्यों के बीच पुल का निर्माण करेगा। जहां नेता और नीति-निर्माता एजेंडा तय करेंगे, वहीं इसका वास्तविक प्रभाव आने वाले वर्षों में दिखेगा जब विचार योजनाओं में बदलेंगे, प्रतिबद्धताएं परिणामों में तब्दील होंगी और एक सामूहिक दृष्टि वास्तविकता का रूप लेगी।