भारत की सीमा में 7 किमी तक घुसे चीनी हेलीकॉप्टर
नई दिल्ली. चीनी सेना ने एक बार फिर से भारतीय सीमा में घुसपैठ की है। पड़ोसी देश के आर्मी हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसीमा का उल्लंघन करते हुए हिमाचल के लाहौल-स्पीति वैली में सात किलोमीटर तक घुस आए। ये हेलीकॉप्टर देश की सीमा में 15 मिनट तक घूमते रहे। कौरिक क्षेत्र में हुई इस घटना के बारे में आईटीबीपी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है।
वाकया बीते 16 मार्च का बताया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने ऐसी घटनाओं के लिए केंद्र की यूपीए सरकार को निशाने पर लिया है। यह मामला गुरुवार को राज्य विधानसभा में भी खूब गूंजा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चीनी सैनिकों की लेह-लद्दाख में घुसपैठ और तिब्बत में उनकी गतिविधियों की अनदेखी कर रही है, इसलिए ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
हिमाचल सरकार ने चीन के कब्जे वाले तिब्बत में 100 किलोमीटर दूरी पर हवाई अड्डा और रेल नेटवर्क बना लेने पर चिंता जाहिर की। सीएम धूमल ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण मामला है। उन्होंने कहा कि चीनी हेलीकॉप्टरों से जुड़े मामले पर प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। धूमल आज दिल्ली में ही हैं। उम्मीद है कि वो इस मामले को यहां भी केंद्र सरकार के सामने उठाएं।
पिछले साल भी चीनी हेलीकॉप्टर प्रदेश की सीमा में दाखिल हो गया था। स्पीति के गज्जू गांव में चीन का झंडा लगाया गया था। देश के सीमावर्ती स्पीति क्षेत्र में सुरक्षा देने के लिए एयर फोर्स को अंबाला एयर बेस कैंप से यहां पहुंचने में आधा घंटा से अधिक समय लग जाएगा।
चीनी युवक की चुप्पी से सुरक्षा एजेंसियां सकते में
आईपीएल सीजन-5 के धर्मशाला में आयोजित होने वाले मैचों से पहले मैक्लोडगंज में बिना वैध वीजा व दस्तावेजों के चीनी युवक की गिरफ्तारी से सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। मैक्लोडगंज के जैडकेएल बौद्ध मठ के गेस्ट हाउस से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार चीनी युवक ली चिंगसे की चुप्पी और इसके जांच में सहयोग न करने से केंद्रीय सुरक्षा एजंसियों के अधिकारियों को पूछताछ में परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है।
छमत्रुल रिम्पोछे के बौद्ध मठ के गेस्ट हाउस में कमरा लेकर रह रहा ली चिंगसे तिब्बती बौद्ध तांत्रिक विद्या में रुचि दिखा रहा था। छमत्रुल रिम्पोछे तिब्बती बौद्ध धर्म में तंत्र विद्या के बहुत बड़े ज्ञाता हैं तथा वर्तमान में उनके पास 37 देशों के बौद्ध अनुयायी स्टूडेंटस तंत्र विद्या का अध्ययन कर रहे हैं। ली चिंगसे ने तंत्र विद्या के प्रति रुचि दिखाते हुए तिब्बतियों के सर्वोज्च धर्मगुरु दलाईलामा से मिलने की इज्छा भी जताई थी।