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राष्ट्रीय राजनीति में राजपा का मुख्य एजण्डा ही संविधान का संशोधन है : जीतेन्द्र सोनल

jitendra sonal
जीतेन्द्र सोनल, मन्त्री, प्रदेश नं. २

हिमालिनी, मई अंक, २०१८ | एक वर्ष का मूल्यांकन अत्यन्त सकारात्मक है । राजपा गठन के बाद हम लोगों ने मुख्यतः तीन कार्य महत्व के साथ सम्पन्न किया । प्रथमतः राजपा गठन के तुरन्त बाद ही संघर्ष का कार्यक्रम आया, संघर्ष के पृष्ठभूमि में ही स्थानीय चुनाव कराया गया । उसके बाद प्रदेश और संघीय संसद् का चुनाव आया, तीनों चुनाव में राजपा ने सहभागिता जताई । संघर्ष से लेकर चुनाव तक का जो सफर रहा, वह राजपा के लिए सकारात्मक है ।
लेकिन संगठनात्मक दृष्टिकोण से राजपा आज भी कमजोर ही हैं । अभी तक राजपा ने अपनी संगठन विस्तार नहीं की है । सच कहा जाए तो राजपा के लिए संगठनात्मक चुनौती बाकी है, क्योंकि पार्टी को मजबूत बनाना है तो संगठन को मजबूत बनाना पड़ता है । ६ पार्टी को मिलाकर राजपा गठन की गई थी । लेकिन ६ पार्टी मिलने के कारण ही संगठन में रिक्तता दिखाई दी है, अब ऐसी रिक्तता को खत्म करनी चाहिए । संगठन निर्माण के साथ–साथ पार्टी का महाधिवेशन भी जरुरी है ।
राष्ट्रीय राजनीति में राजपा का मुख्य एजण्डा ही संविधान का संशोधन है । सीमांकन, नागरिकता, भाषा, अधिकार जैसे मुद्दों में केन्द्रीय सरकार की सकारात्मक भूमिका अपेक्षित है । संविधान संशोधन के लिए राजपा को केन्द्रीय सरकार में शामिल होने की जरुरत नहीं है । संविधान संशोधन एक विषय है और सरकार में शामिल होना है या नहीं ? यह दूसरा विषय है । इन विषयों के बीच आपसी कोई भी लेना–देना नहीं है ।
इसी तरह प्रदेश नं. २ में विकास के लिए वर्तमान सरकार सहज रूप में सहकार्य निर्वाह करेगी, हम लोग ऐसी अपेक्षा कर रहे हैं । वहां की डेमोक्रेसी, जनसंख्या, भूगोल तथा अन्य विविधता को सम्बोधन करते हुए न्यायपूर्ण तरीके से स्रोत साधन वितरण करना है । प्रदेश नं. २ मानव विकास सूचकांक में भी पीछे है । इसीलिए इस प्रदेश के विकास के लिए विशेष प्याकेज की आवश्यकता है । केन्द्रीय सरकार को इसके लिए तैयार होना चाहिए, ऐसी अपेक्षा भी है प्रदेश सरकार को ।



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