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मायानगरी बालीवुड के लोकप्रिय अभिनेता इरफान खान को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि : रीमा मिश्रा

कहते हैं ज़िंदगी लंबी नही बड़ी होनी चाहिए।
बहुत बड़ी ज़िंदगी जी आपने इरफ़ान…।

रीमा मिश्रा”नव्या”आसनसोल, 30 अप्रैल 2020 । “खबर थी कि 29 अप्रैल को एक सितारा पृथ्वी से टकराएगा,पर ये खबर न थी कि धरती का एक सितारा अंतरिक्ष में कहीं हमेशा-हमेशा के लिए गुम हो जाएगा…”



इरफ़ान खान हम सभी से दूर चले गए। 2 साल से कैंसर से लड़ रहे थे वो। आज हमसे दूर जाना पड़ा उन्हें। आज ऐसा लगा जैसे कि अंदर से कुछ चला गया। आँखों में आँसू हैं, दिल0 में ग़म।

कुछ दिन पहले उनकी फ़िल्म रिलीज़ हुई थी जिसका नाम था “अंग्रेज़ी मीडियम” लेकिन तब कोरोना वायरस की वजह से सिनेमाघरों को बंद करना पड़ा था। लॉक डाउन के बाद यह फ़िल्म फिर रिलीज होने वाली थी।
इस फ़िल्म के टीज़र में इरफ़ान खान अपनी आवाज़ के द्वारा अपना इमोशनल संदेश जनता तक पहुँचाते हुए नज़र आये थे। नहीं जानते थे हम लोग कि यही उनका आख़िरी संदेश साबित होगा…।

इरफान खान का नाम सुनते ही जेहन में उनके सहज आदाकारी के दृश्य कौंध जाते हैं। जिंदगी को सहज रुप से जीने वाले इरफान की एक्टिंग भी काफी सहज थी।

इरफान खान ने कैंसर का इलाज भी कराया और वह काम पर लौट चुके थे। उनकी आखिरी फिल्‍म “अंग्रेजी मीडियम” थी। हालांकि उन्‍होंने कैंसर की लड़ाई के दौरान मीडिया को एक खत लिखा था, जो काफी भावुक था। उन्होंने लिखा था, ,—”मैं धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा हूं। जिंदगी की असल लड़ाई से लड़कर लौटा हूं थोड़ा थका हूं। मैं आप सब की फिक्र को समझता हूं जानता हूं कि आपने मुझे बात करने और अपना सफर आपसे साझा करने की गुजारिश की। लेकिन मैं अभी खुद को गहराई से नाप रहा हूं। छोटे-छोटे कदमें से आगे बढ़ रहा हूं और कोशिश कर रहा हूं कि सेहत के इस सुधार और काम को एक कर दूं। आपकी दुआओं ने मेरे दिल को छुआ है और यह मेरे लिए बहुत मायने रखती हैं। जिस तरह से आपने मुझे बीमारी से उबरने के लिए समय दिया। मेरी प्राइवेसी की इ्ज्जत की मैं आपका बहुत सम्मान करता हूं। इस धैर्य, प्यार और अपनेपन के लिए शुक्रिया। इस इमोशनल मैसेज के लिए इरफान ने अपनी चिट्ठी में मशहूर राइटर रिकेल की कुछ लाइन्स लिखीं।”

इरफान खान ने अपनी इस बीमारी का खुलासा खुद अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करके किया था। इरफान ने ट्वीट किया था, –”कभी-कभी आपको ऐसे झटके लगते हैं कि आपको हिला कर रख देती है। मेरी जिंदगी के पिछले 15 दिन एक सस्पेंस स्टोरी की तरह रहे हैं। मुझे नहीं पता था कि दुर्लभ कहानियों की मेरी खोज मुझे एक दुर्लभ बीमारी तक पहुंचा देगी। मैंने कभी हार नहीं मानी है और हमेशा अपनी पसंद के लिए लड़ता आया हूं और आगे भी ऐसा ही करूंगा। मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ हैं हम सबसे अच्छे तरीके से इससे निपटने की कोशिश कर रहे हैं। तब तक आप लोग कृपया कुछ अंदाजा न लगाएं, क्योंकि हफ्ते-दस दिन में जब सभी जांच के रिपोर्ट्स आ जाएंगे तब मैं खुद ही अपनी कहानी आपको बताऊंगा। तब तक के लिए मेरे लिए दुआ करें।”

बहुत जल्दी कर दी इरफान साहब जाने में आपने!!!
सच में ऐसा लगा जैसे कोई अपना परिवार से चला गया हो । बचपन से फिल्में देखते आई हूं । मेरे प्रिय अभिनेताओं में आपका नाम हमेशा से सबसे ऊपर रहा है। आपका फिल्म में होना ही फिल्म के अच्छे होने की गारंटी होती थी। आप की बहुत सी फिल्में देखी हैं लेकिन जब “मकबूल”, “पान सिंह तोमर” जैसी फिल्मों का नाम जेहन में आता है तो सच में दिल आपको सलाम कर उठता है… ।
अब सिनेमा का पर्दा सुना हो गया है। इतना सूना कि इस सूनेपन को शायद ही कोई कलाकार भर पाए हैं। आपने हर तरह की फिल्में की -आर्ट फिल्में ,कमर्शियल फिल्में ,बॉलीवुड फिल्में हॉलीवुड फिल्में । हर जगह हर किरदार में आपने अपने हुनर के साथ अपने आप को साबित किया है । आप जैसे कलाकार बार-बार जन्म नहीं लेते । आपको ऐसे नहीं जाना था इरफान साहब इतनी जल्दी तो बिल्कुल नही। अभी तो बहुत से रंग देखने बाकी थे आपके। आपने अपने एक पत्र में कहा था कि “मैं लौट के आऊंगा” और हमें वाकई में इंतजार था लेकिन इस बुरी खबर ने सच में अंदर तक तोड़ दिया। पान सिंह तोमर फिल्म के अंत में आप जब गोली लगने से मर जाते हो तो उस समय भी आंखें आंसू से भर आई थी और आज जब आपके जाने की खबर पता चली तो आंखें दोबारा से फिर डबडबा गईं ।

जानते हैं ,मैंने जीवन में पहली बार जब भिंडी की सब्ज़ी बनाई तब उसमें पानी डाल दिया कि कहीं कच्ची न रह जाए।कसम से बहुत डांट पड़ी थी उस दिन मुझे ! बहुत सीखा , कोशिश की लेकिन भिंडी की सब्जी खाने में बेशक सही लगती लेकिन दिखने में न जाने क्यों चिपचिपी सी रह जाती।
फिर 2013 में एक फिल्म आई ‘द लंच बाक्स’ ।जिसमें एक हाऊस वाईफ इला द्वारा अपने पति को भेजा टिफिन गलत पते पर एक अधेड़ शख्स साजन फर्नांडीस को चला जाता है।
साजन बने इरफान खान उस डिब्बे को जिस प्रकार खोलकर धीरे-धीरे स्वाद लेकर खाते हैं , उसका जवाब नहीं !
इस फिल्म को जिसने भी गौर से देखा होगा तो वह जानता होगा कि खाने की चीजों को बनाने और खाने की हर बारीकी को कितनी गहराई से फिल्माया गया है!
बस इसी फिल्म के एक सीन में इरफान के लंचबाक्स से जब भिंडीं निकलती हैं और वे जब भिंडी का एक टुकडा जिस प्रकार मुंह में रखते हैं, वह दृश्य दिल में कुछ ऐसा उतर गया कि पता नहीं उस दिन से अचानक से मैं भिंडी को कमाल का स्वादिष्ट बनाने लगी।

कढ़ी में मिर्च का बघार भी बिल्कुल वैसे ही लगाती हूं जैसा फिल्म में इरफान का टिफिन खुलते ही नज़र आता था,रोटियां भी वैसी ही पतली पतली,
और भरवां करेले भी बिल्कुल उसी तरीके के !
मलाई कोफ्ता भी हूबहू वैसा ही मानो जरा बहुत दिखने में या स्वाद में इधर उधर हो गया तो इरफान के चेहरे के भाव बिगड़ सकते हैं।
लंच बाक्स फिल्म देखने के बाद से ही जब भी कुछ बनाती हूं तो हर चीज़ बहुत देख, ठहर, नाप ,तोल कर बनाती हूं ।

अभी ही हाल में इरफान साहब की फिल्म “इंग्लिश मीडियम” देखी। जब हम सब इकट्ठे फिल्म देख रहे थे तो हम जिक्र कर रहे थे कि इरफान साहब इस फिल्म में बीमारी की वजह से थोड़े कमजोर से लग रहे थे। और सच में उस समय ही हमने दुआ भी की थी कि आप जल्दी ही सकुशल हो जाये ,लेकिन शायद भगवान आजकल नाराज चल रहे है । मौत दबे पांव आई और चुपके से आपको अपने साथ ले गई…।

एक एक खबर के अनुसार, “आज सुबह, जब वह अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे तब इरफान ने अचानक अपनी पत्नी को बताया था कि अम्मा कमरे में थी,उनको ऐसा लग रहा था कि वो अपनी मौत का दर्द कम करने के लिए आई थीं, इरफान ने सुतापा से कहा- देखो, वह मेरी तरफ से बैठी है, अम्मा मुझे लेने आई हैं, ये सुनकर वो बुरी तरह रोने लगीं।

इन आखिरी शब्दों के साथ एक जमी का एक सितारा हमेशा हमेशा के लिए टूट कर दूसरी दुनिया में चला गया।

अपनी अम्मी के पास जाकर शायद आपको अच्छा लग रहा होगा लेकिन इरफान साहब आप हमें तो उदास कर गए हैं सच में अंदर तक उदास कर गए …….आपका चेहरा ,गोल बड़ी आंखें और आपकी मुस्कुराहट अभी भी आंखों के आगे हैं छवि बनकर तैर रही है । लिखते लिखते सच में दिल भरा जा रहा हैं। सच में इस खबर पर यकीन करना बेहद मुश्किल है। पान सिंह तोमर का डकैत, मकबूल का गैंगस्टर ,बिल्लू बार्बर का दोस्त, पीकू का ड्राइवर आदि चरित्रों को आपने अपने अभिनय भी से सदा के लिए अमर कर दिया है । सिनेमा की इस भीड़ में, करोड़ों लोगों के दिलों में आप हमेशा एक अलग मुकाम हमेशा बनाये रखोगे इरफान साहब !!!!

**उल्कापिंड सच में ही टकरा गया आज और हमारे धरती के सितारे को ले डूबा। धरती वाले कभी माफ नहीं करेंगे मौत के सौदागर यमराज को**। अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि…

रीमा मिश्रा “नव्या”
आसनसोल(पश्चिम बंगाल)



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