Wed. Apr 23rd, 2025

हर ओर अफरातफरी का माहोल है । लोग डरे हुए हैं और अपवाहों से जूझ रहे हैं । कोरोना नाम के वायरस ने विश्व को बुरी तरह से प्रभावित किया हुआ है । चीन से होते हुए कोरोना वायरस का प्रकोप अब दुनियाभर में फैल चुका है । मौत का सही आँकड़ा सामने नहीं आ रहा फिर भी हजारों की संख्या में लोग मर चुके हैं । यों तो कोरोना वायरस को अब तक वैश्विक खÞतरा या ‘पैनडेमिक’ (महामारी) घोषित नहीं किया गया है लेकिन जानकार अब आशंका जता रहे हैं कि ये दुनिया के लिए अगली महामारी साबित हो सकती है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रस एडॉनम ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण अब इस स्तर पर पहुंच गया है कि ये महामारी की शक्ल ले सकता है । मेडिकल साइंस की भाषा में पैनडेमिक उस संक्रामक बीमारी को कहते हैं जिससे एक ही समय में दुनिया भर के लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हो सकते हैं । पैनडेमिक का हालिया उदाहरण साल २००९ में फैला स्वाइन फÞ्लू था । विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी वजह से दुनिया में लाखों लोगों की मौत हुई थी ।

यह भी पढें   शिक्षकाें का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी, कल हुइ थी प्रधानमंत्री से वार्ता

किसी नए वायरस के जÞरिए फैलने वाली पैनडेमिक ज्यादा खÞतरनाक होती है क्योंकि ये लोगों में आसानी से फैल सकती है और ज्यादा वक्त तक मौजूद रह सकती है । कोरोना वायरस में ये सभी लक्षण पाए गए हैं ।

नेपाल में इसके फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है । वैसे अब तक की सूचना के अनुसार कोरोना का कोई भी रोगी यहाँ नहीं मिला है किन्तु पड़ोसी देश भारत में जिस तरह से कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ रही है ऐसे में नेपाल खतरे से मुक्त नहीं माना जा सकता है । वर्तमान में सतर्कता की जो गम्भीरता होनी चाहिए उसमें काफी कमजोरी नजर आ रही है । फिर भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से

यह भी पढें   आज काठमांडू में अधिकतम तापक्रम ३१.६ डिग्री सेल्सियस

सचेतनामूलक समाचार प्रकाशित किए जा रहे हैं । वर्तमान में बस यही कहा जा सकता है कि सतर्कता और सचेत रहना ही एक मात्र उपाय है क्योंकि अब तक कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए कोई वैक्सीन या ठोस इलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है, और ये तेजÞी से अपने पैर पसार रहा है । आने वाले समय में इसका क्या रुख होगा यह फिलहाल हम अंदाजा ही लगा सकते हैं । किन्तु जाहिर तौर पर कोरोना ने विश्व बाजार पर अपना असर दिखा दिया है । हर ओर मंदी के असार हैं । बाजार–व्यवस्था बिगड़ चुकी है । नेपाल में अपवाहों का बाजार गर्म है और दैनिक उपयोग के सामानों की कालाबाजारी कृत्रिम अभाव दिखाकर शुरू हो चुकी है । यहाँ तक कि दवाओं का अभाव भी दिखा कर बाजार प्रभावित किया जा रहा है ।

सरकार को इस हालात पर गम्भीर होना होगा और तत्काल बाजार व्यवस्थापन पर निगरानी बढ़ानी होगी,  नहीं तो आम जनता का जीना मुश्किल हो जाएगा । दैनिक उपभोग की वस्तु को सहजता के साथ उपलब्ध कराने की पहल करनी होगी । कोरोना का कहर मन और तन दोनों पर हावी हो रहा है आवश्यकता है कि हम संयम और धैर्य को धारण करें और अपवाहों पर ना जाएँ । श्वेता दीप्ति (march का सम्पादकीय)

About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *