रहस्यों से घिरा पद्मनाभस्वामी मंदिर, क्या है सातवें दरवाजे का रहस्य ?
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को भारत का सबसे धनी मंदिरों में से एक माना जाता है। इतना ही नहीं इस मंदिर के चारों ओर गहरे रहस्य भी छिपे हुए हैं। माना जाता है कि आज भी मंदिर का सातवां दरवाजा हर किसी के लिए एक पहेली बना हुआ है। मंदिर के इस दरवाजे को आज तक कोई खोल नहीं सका है। हैरानी की बात यह है कि यह दरवाजा लकड़ी का बना हुआ है। इस दरवाजे को खोलने या बंद करने के लिए किसी तरह का कोई सांकल, नट-बोल्ट, जंजीर या ताला नहीं लगा हुआ है। दरवाजा कैसे बंद है, ये आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बना हुआ है।
मंदिर का इतिहास-
यूं तो मंदिर में पद्मनाभ स्वामी की मूर्ति की स्थापना कब और किसने की, इस बात की कोई ठोस जानकारी किसी के पास नहीं है। लेकिन त्रावनकोर के इतिहासकार डॉ एल. ए. रवि वर्मा के अनुसार ये रहस्यमय मंदिर 5000 साल पहले कलियुग के पहले दिन स्थापित हुआ था।
मंदिर में 7 गुप्त तहखाने-
मंदिर में 7 गुप्त तहखाने हैं और हर तहखाने से एक दरवाजा जुड़ा हुआ है। लेकिन साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक के बाद एक छह तहखाने खोले गए। इन तहखानों से कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ से ज्यादा कीमत के सोने-हीरे के आभूषण मिले, जो बाद में मंदिर ट्रस्ट के पास रखवा दिए गए। लेकिन जब आखिरी और सातवें दरवाजे को खोलने की बारी आई तो उसके पास पहुंचने पर दरवाजे पर नाग की भव्य आकृति खुदी हुई दिखाई दी। जिसके बाद दरवाजा खोलने की कोशिश रोक दी गई। माना जाता है कि इस दरवाजे की रक्षा खुद भगवान विष्णु के अवतार नाग कर रहे हैं और इसे खोलना किसी बड़ी आफत को बुलाना हो सकता है।