डॉ रामनिवास ‘मानव’ के सृजन की अर्द्धशती पर 9 अक्तूबर को आयोजित होगा वैश्विक साहित्य महोत्सव
नारनौल। मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट, नारनौल (हरियाणा) द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रामनिवास ‘मानव’ के सृजन की अर्द्धशती के उपलक्ष्य में 9 अक्टूबर को ‘वैश्विक साहित्य महोत्सव’ का आयोजन किया जायेगा। वैभव रिसॉर्ट, गोकलपुर (मंडी अटेली) में आयोजित होने वाले इस महोत्सव के अवसर पर प्रस्तावित कार्यक्रमों में डॉ ‘मानव’ के साहित्य की मूल्य-मीमांसा, उनके साहित्य की प्रदर्शनी, आठ पुस्तकों और दो पत्रिकाओं के विशेषांकों का लोकार्पण तथा देश-विदेश की पचास विशिष्ट विभूतियों का अभिनंदन शामिल हैं। उक्त जानकारी देते हुए ट्रस्टी डॉ कांता भारती ने बताया कि डॉ ‘मानव’ की प्रकाशित होने वाली प्रथम रचना ‘घटा’ नामक कविता थी, जो हिसार के साप्ताहिक ‘हरियाणा-संदेश’ के स्वाधीनता के रजत जयंती विशेषांक में 15 अगस्त, सन् 1972 को प्रकाशित हुई थी। इस दृष्टि से विगत 15 अगस्त को इनकी सृजन-यात्रा की अर्द्धशती पूर्ण हो गई है। इस ऐतिहासिक अवसर के महत्त्व को रेखांकित करने के उद्देश्य से ही उक्त कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राजस्थान) के हिंदी-विभाग में प्रोफेसर एवं अध्यक्ष के रूप में कार्यरत डॉ ‘मानव’ जाने-माने साहित्यकार और शिक्षाविद्, हैं। विविध विधाओं में इनकी छप्पन मौलिक, संपादित और समीक्षात्मक कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं, वहीं विभिन्न भाषाओं में अनूदित इनकी दस पुस्तकें भी प्रकाशित हैं। बतौर शोध-निर्देशक शताधिक शोधार्थियों को शोधकार्य करवा चुके डाॅ ‘मानव’ के साहित्य पर भी इक्यावन बार एमफिल्, बाईस बार पीएचडी और एक बार डीलिट् हो चुकी है। यही नहीं, इनकी अनेक रचनाएं तथा शोध-प्रबंध आधा दर्जन बोर्डों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी शामिल हैं। पत्रकारिता और समाजसेवा के क्षेत्र में भी डाॅ ‘मानव’ ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।