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जनजन मन में चेत जगाएँ (पर्यावरण गीत) : डा. घनश्याम न्यौपाने परिश्रमी

डा. घनश्याम न्यौपाने परिश्रमी



जनजन मन में चेत जगाएँ
हरित सुशोभित धरती बनाएँ
कर्म करे सत श्वेद बहाएँ
पर्यावरण का गाना गाएँ

जल से, स्थल से, सब कण–कण से
बादल से, बहता समीरण से
अशुद्धता को दूर भगाएँ
पर्यावरण का गाना गाएँ

प्रकृति संरक्षक प्रहरी बनें हम
हरित क्रान्ति में रहकर हरदम
इधर उधर अब पेड़ लगाएँ
पर्यावरण का गाना गाएँ

पुलकित मन से विज्ञापन हो
कलरव गुंजित जग नन्दन हो
इस धरती को स्वर्ग बनाएँ
पर्यावरण का गाना गाएँ

डा. घनश्याम न्यौपाने परिश्रमी

त्रिभुवन विश्वविद्यालय
विश्वभाषा क्याम्पस, काठमान्डू , नेपाल



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