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कोरोना संकट का सामना करने के लिए मेयर सरावगी का हौसलाअफजाई होना चाहिए : मुकेश द्विवेदी

बीरगंज, २०७६ चैत्र १८ गते, मंगलवार । बिरगंज महानगरपालिका ने बदलते मौसम में बढ़ रहे मच्छरों को नियंत्रण करने के लिए  चैत ४ गते से चैत १४ तक में मच्छरों को नियंत्रित करने का कार्यतालिका बनाया। उसी अनुसार सरसफाई शाखा ने वार्ड-वार्ड में जाकर, वड़ा अध्यक्ष के निर्देशन में ३२वार्ड के प्रत्येक नाला, नाली, जल जमाव के स्थान, जल निकासी, जल संग्रह के स्थान और गड़हा सफाई के लिए कार्यक्रम चलाया। जिसमे पीठ पर स्प्रेयर लाद कर कीटनाशक औषधि और केमिकल डालकर सफाई का कार्य किया गया।

हर किसी को पता है, स्थानीय चुनाव से पहले, मच्छर मारने के लिए औषधि छीटने के नाम पर फोगिंग मशीन से धुँवा किया जाता था और हमें लगता था कि नगरपालिका बहुत अच्छा कर रही है, लेकिन वास्तव में वह  कैंसर कारक था और यह डब्ल्यूएचओ के मानदंडों के अनुसार पूरी तरह से निषेधित है। उसे छींटने पर हम उसके गंध से बहुत खुश होते थे की दवा छिड़काव हो रहा है, वास्तव में वो काफी गलत था।

विजय सरवगी के मेयर बनने के बाद धुएँ और कीटनाशकों को छिड़कने के जगह मच्छरों के जीवन चक्र के अनुसार, उनके लार्वा को मारने की नीति अपनाई गई। इसके लिए कर्मचारियों के पीठ पर स्प्रेयर टंकी और कीटनाशक देकर काम पर लगाया गया और निर्देशन दिया गया की एक भी जगह छूटने ना पाए। ऐसे में कोई कहता है की मच्छर की औषधि नहीं छींटा गया तो इसमें मेयर की क्या गलती है ? ये उस आदमी की गलती है, की उसे पहले अपने वार्ड में जाकर पत्ता करना चाहिए, अपने वार्ड अध्यक्ष से पूछना चाहिए। अगर किसी वार्ड में संतोषजनक काम नहीं हुआ हो तो उसका उतरदायित्व वड़ा अध्यक्ष का होगा। वड़ा अध्यक्ष बोर्ड मेंबर होता है, बिना उसके सहमति के निति नियम पारित नहीं होता, हरेक बात में मेयर पर दोषारोपण करना ठीक नहीं है।  इसलिए यह कहना गलत है कि मेयर ने कुछ करने नहीं दिया। ।

बीरगंज के दक्षिण में भारत का सिमा रक्सौल है, तो उत्तर सिमरा के पास रामबन तक ३२ वा वार्ड का सीमा है। करीब ५ लाख प्रत्यक्ष जनसँख्या वाला महानगरपालिका है, जिसमे पूर्व के १९ वार्ड थे जिसमे ग्रामीण क्षेत्र के १६ वार्ड को जोड़कर ३२ वार्ड का महानगरपालिका बना, जिसमे ८०% क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण अवस्था में है। जिसमे मेयर समेत समाजबादी पार्टी (स स फो) को १२, काङ्ग्रेस के उप मेयर सहित १०, ने क पा के  ७ और राजपा के ३ निर्वाचित हुए। सभी जनता के भोट से प्रत्यक्ष निर्वाचित जनप्रतिनिधि है, सब को मालूम है की ये सभी मिलकर नितिगत निर्णय करते है और सब काम साथ में करते है। मै किसी का आलोचना नहीं कर रहा हु लेकिन कुछ लोग खुद की नाकामी छिपाने के लिए मेयर पर दोषारोपण करके जनता में भ्रम सृजना कर करे है। इसीलिए आज मैं लिख रहा हु की हरेक बात के लिए मेयर मात्र जिम्मेवार नहीं है, हरेक वार्ड अध्यक्ष से लेकर हम सभी अपने-अपने परिधि में रहकर जनता प्रति जबाबदेह होकर कर्तव्य निर्बाह करें।

 

जहां तक मेयर सोरागी का सवाल है, लॉक डाउन के समय में मेयर साब के काम पर गर्व महसूस हो रहा है। जहाँ विश्व भर के लोग कोरोना के डर से भयभीत और त्रसित है, उस समय अपने जान को जोखिम में डालकर मेयर जनता के बीच, वार्ड-वार्ड में जाकर उनके लिए रहने खाने का व्यवस्था कर रहे है, संक्रमित लोगों के अपने स्वामित्व वाले केडिया डेंटल में आइसोलेशन वार्ड स्थापित कर रहे है, महानगर को सेन्टिराईज करवा रहे है, जनता को परेशानी ना हो इसलिए बाजार और दुकानों को व्यवस्थित तरीके से आपूर्ति करवाने का प्रयास  कर रहे है। पर्सा के सभी गा.पा. प्रमुख से समन्वय करके हेल्पलाइन नंबर जारी किया करवाया। नेपाल में फसे भारतीयों के आवास का इंतजाम कराया गया।संभवतः मेयर सरावगी नेपाल में एकमात्र मेयर है जो लोगों के लिए राहत देने के लिए वार्ड के वार्ड में घूम रहे हैं, हमे मेयर साहब की भावना और उत्साह को सलाम करना चाहिए और उनका हौसलाअफजाई करना चाहिए ।



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