माँ चाहिए ! पत्नी चाहिए ! बहन चाहिए -फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए : लक्ष्मण नेवटिया
नारीशक्ति के २१ सुत्र : लक्ष्मण नेवटिया
# 1 नारी वो शक्ती है जहाँसे जीवन शुरु होता है।
#2 कोई भी देश तरक्की के शिखर पर नहीं पहुँच सकता जब तक उसकी महिलाएं कन्धा से कन्धा मिला कर ना चले।
#3 बेटियाँ हर किसी के मुक्कदर में कहाँ होती है, रब को जो घर पसंद आये बस वहां होती है।

#4 नारी है तो कल है।
#5 अगर एक आदमी को शिक्षित किया जाता है तो एक आदमी ही शिक्षित होता है ! लेकिन जब एक औरत को शिक्षित किया जाता है तब एक पीढ़ी शिक्षित होती है।
#6 नारी आगे ! देश बढेगा आगे !
#7 महिलायें राष्ट्र कि आँखें हैं
#9 महिलाओं कि उन्नति या अवनति पर ही राष्ट्र कि उन्नति या अवनति निर्भर है।
#10 माँ चाहिए ! पत्नी चाहिए ! बहन चाहिए – फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए·।
#11 हमारी बेटियां हमारा भविष्य है।
#12 नारी को ना समझो बेकार, जीवन का है यह आधार।
#13 बेटी बचाओ और जीवन सजाओ, बेटी पढाओ और खुशहाली बढाओ।
#14 माँ दुर्गा की चाहे कितनी भी पूजा कर लो, चाहे 9 दिन अखंड उपवास कर लो, लेकिन अगर औरत की इज्जत करना नहीं सिखा तो सब बेकार है।
#15 एक शिक्षित और गुणवत्ता पुरुष हमेशा नारी जाती का सम्मान सामान रूप से करता है।
#16 नारी को दो इतना सम्मान कि बढे हमारे देश की शान।
#17 महिलाओं को आगे लायें, बराबरी का साथ निभाएं।
#18 महिलाओं को दें शिक्षा और ज्ञान, तभी बढेगा देश का सम्मान।
#19 कर्तव्यों संग नारी भर रही है उड़ान, ना कोई शिकायत ना कोई थकान।
#20 नारी माँ है, बेटी है, बहन है ! सब कुछ है फिर अबला क्यों?
#21 नारीकी शक्ती संयम व शालिनताके बांधमें बंधी हुई हो तो नहर बनकर समाजकी उजाड पडी मरुभूमिको भी हराभरा कर सकती है।

विराटनगर -९