Thu. May 16th, 2024

गौरा पर्व को राष्ट्रीय पर्व के रुप में स्थापित करना चाहिए – प्रधानमंत्री देउवा

काठमांडू, ३ सितंबर



प्रधानमन्त्री शेरबहादुर देउवा ने गौरा पर्व के अवसर में सभी को शुभकामना देते हुए कहा है कि – विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक गीत, भजन तथा देउडा जैसे नाच नेपाल के लिए अमूल्य लोक संस्कृति है ।

गौरा पर्व के उपलक्ष्य में सम्पूर्ण नेपाली में सुख, शान्ति, समृद्धि और प्रगति की शुभकामना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति ने ही हमारे जीवन में सुख दुःख के कथा, इतिहास और परम्परा को सुरक्षित रखा हुआ है । लोक संस्कृति का संरक्षण और सम्वर्द्धन करना ही सबका राष्ट्रीय दायित्व है ।

गौरा पर्व विशेष कर नेपाल के कर्णाली तथा सुदूरपश्चिम प्रदेश में बहुत उत्साह और उमङ्ग के साथ मनाया जाता है । गौरा पर्व हरेक वर्ष भाद्र शुक्ल पञ्चमी के दिन से अष्टमी तक विभिन्न कार्यक्रमों की आयोजना करके मनाया जाता है ।

गौरा पर्व में व्रती तथा श्रद्धालु महिलाओं द्वारा गौरा घर में जाकर शिव और गौरी की पूजा अर्चना में पाँच प्रकार के अन्न के मिश्रण से बने अक्षत को प्रसाद के रूप में चढाया जाता है और उसे ही ग्रहण भी किया जाता है ।

धार्मिक अनुष्ठान एवं पूजा के साथ ही गौरा को गौरा घर में भीतर ले जाने के बाद श्रद्धालु महिला द्वारा शिव और गौरी की पूजा अचंना करते हैं । जब तक कि विसर्जन नहीं हो जाए तब तक गौरा घर में पुरुष तथा महिलाएं अलग अलग गोलबद्ध होकर स्थानीय लोक भाषा में देउडा, धमारी, ढुस्को आदि खेल खेलकर खुशी मनाने का चलन है ।

गौरापर्व परिवार तथा सामाजिक जीवन में आपसी प्रेम, विश्वास और सद्भाव प्रगाढ बढाने के लिए व्रत लिया जाता है साथ ही शिव और गौरी की पूजा अचंना करने से सुख, शान्ति की प्राप्ती होती है । कुलदेवता प्रसन्न होते हैं ऐसा जनविश्वास है । उन्होंने गौरा पर्व को सांस्कृतिक, धार्मिक महत्व को आने वाले दिन में प्रचार प्रसार करके इस पर्व को राष्ट्रिय पर्व के रूप में स्थापित करने के लिए सभी को जोड़ देना चाहिए ।



About Author

यह भी पढें   बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता सुशील कुमार मोदी का निधन
आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Loading...
%d bloggers like this: