बालक रोहन जो अब नहीं रहा, खुले चेम्बर ने ली बच्चे की जान

काठमांडू, ३० भादव – एक छोटा सा बालक रोहन, जो अब नहीं रहा । उसकी माँ और दादी को अभी भी यह विश्वास नहीं हो रहा है कि रोहन अब कभी वापस लौटकर नहीं आएगा । रोहन के पिता रोजगार के लिए विदेश गए हैं । घर में माँ और दादी है जो बच्चें का ध्यान रखती थी । बच्चा खेलते खेलते घर के पास ही एक खुले चेम्बर जिसमें ढ़क्कन नहीं लगा लगा था । उसमें गिर जाता है और जबतक उसे अस्पताल ले जाते बच्चें ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया ।
ये घटना है जनकपुरधाम उपमहानगरपालिका–२५, केउटानी टोल, लोहना की । जहाँ रञ्जित मुखिया और पुनिता का बच्चा रोहन शुक्रवार की सुबह घर के ही आगे सड़क में नाली निर्माण के क्रम में बने चेम्बर (मंगाल) में जमे पानी में डुब गया ।
दो वर्ष का बच्चा, चेम्बर में गिर जाता है । जब माँ और दादी खोजने बाहर निकलती हैं और बच्चें को चेम्बर में गिरा देखती हैं तो जोर जोर से चिल्लाती हैं लोग आते हैं बच्चें को निकालते हैं । बच्चें की साँस चल रही थी लेकिन अस्पताल तक नहीं जा पाया वह बच्चा । जरा सोचिए उस माँ और दादी की अवस्था क्या रही होगी ।
घटना के बाद केउटानी टोल के लोगों में शोक फैल गई है । टोलवासियों का कहना है कि हमारे टोल के सड़क में जहाँ तहाँ खुला खुला चेम्बर है । सभी जानते हैं कि ये जानलेवा है मगर किसी को किसी की परवाह नहीं है ।
टोलवासियों का कहना है कि आर्थिक वर्ष २०७७÷७८ में ही बने सड़क में किसी भी चेम्बर में ढ़क्कन नहीं लगाया गया है । शहरी विकास मन्त्रालय के सघन शहरी विकास कार्यक्रम अन्तर्गत साढ़े तीन सौ मीटर सड़क ढ़लान किया जा चुका था । दर असल यहाँ सडक निमांण में हो रही ठेकेदारी को लेकर कुछ बातें आ रही है । टोलवासियों का कहना है कि सड़क संघीय आयोजना कार्यान्वयन एकाई धनुषा के कार्यालय से ५० लाख रुपया बजट में ढ़लान हुआ था । चेम्बर सहित १६ फिट चौड़ाई और साढ़े तीन सौ मीटर लम्बाई का उक्त सड़क निर्माण करने के लिए स्थानीय वासी शम्भू मण्डल की अध्यक्षता में सात सदस्यीय उपभोक्ता समिति का गठन किया गया था ।
उपभोक्ता समिति ने ठेकेदार के मार्फत काम करवाया था । लेकिन नियम अनुसार समिति का यह काम था कि वह यह काम स्वयं करता लेकिन उसने काम दूसरे से करवाया । पैसे को लेकर कुछ अनबन हुई और बात नहीं बनी । जिसकी वजह से कुछ चेम्बर के ढ़क्कन खरीदें तो लेकिन पैसे वसूल नहीं होने की वजह से लगाए नहीं गए । टोलवासियों का कहना है कि ‘सडक निर्माण में बहुत लापरवाही हुई है ।
संघीय आयोजना कार्यान्वयन एकाई धनुषा के अनुसार सड़क ढ़लान और चेम्बर के ५१ ढ़क्कन की भुक्तानी हो चुकी है । लेकिन विवाद के कारण ढ़क्कन लगाया नहीं गया ।
इस तरह की घटना कोई पहली बार नहीं हुई है । इससे पहले भी लोग इसमें गिरे हैं लेकिन तुरंत पता चल जाने के कारण उन्हें निकाल लिया गया था । सभी एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं । कोई भी इसकी जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं कि इसका मुख्य कारण जो है उसका तुरंत समाधान हो ।