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भारतीय  लोकसभा और राज्यसभाओं में ऐतिहासिक निणर्य, महिला आरक्षण बिल बहुमत से पारित



काठमांडू, ४ असोज – भारत की लोकसभा और राज्यसभाओं में महिलाओं को ३३ प्रतिशत आरक्षण देने वाले नारी–शक्ति वंदन अधिनियम को लोकसभा में ज्यादातर दलों का समर्थन मिला है । विधेयक के पक्ष में ४५४ वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में २ मत पड़े हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा से विधेयक पास होने के बाद ट्वीट किया कि इस अभूतपूर्व समर्थन के साथ लोकसभा में बिल पारित होने पर उन्हें बहुत खुशी हुई है ।
भारत में पिछले २७ साल से एक बिल का जिक्र बार–बार होता रहा है । किसी भी पार्टी ने इस बिल का नाम नहीं बदला । ये थी महिला आरक्षण बिल । पूरे २७ साल के बाद १९ सितंबर २०२३ को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से पेश किया गया और २० सितंबर को भारत की नारी को लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण की शक्ति देने वाला बिल लोकसभा से पहली बार पास हुआ । लोकसभा में २ दिन तक चली एक लंबी बहस के बाद महिला आरक्षण विधेयक पर मुहर लगाई गई और ये विधेयक दो तिहाई बहुमत से पारित कर दिया गया । आज (गुरुवार) को ये बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा ।
लोकसभा में विधेयक के पक्ष में ४५४ वोट पड़े हैं , जबकि इसके विरोध में २ मत पड़े । बिल के खिलाफ ए.आई.एम.आई.एम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनकी ही पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील ने वोट किया ।
लोकसभा और राज्यसभाओं में महिलाओं को ३३ प्रतिशत आरक्षण देने वाले नारी–शक्ति वंदन अधिनियम को लोकसभा में ज्यादातर दलों का समर्थन मिला है । सदन में पहले दिन हुई चर्चा में विपक्षी दलों ने विधेयक में ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान करने और बिना परिसीमन के ही कानून लागू करने की मांग की । सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का स्वागत किया है ।



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