कृष्णनगर सिमा नाका पर उमड पडी मधेशी जनता
सतेन्द्र कुमार मिश्र,कपिलबस्तु,१३ दिसम्बर
कल्ह संयुक्त लोकतान्त्रिक मधेशी मोर्चा ने कपिलबस्तु के कृष्णनगर सिमा नाकापर छठवें दिन भी नाकाबन्दी जारी रखा । आन्दोलनकारियाें की तादात एवं उत्साह बाकी दिनों के अपेक्षा कल्ह ज्यादा ही दिखा । मोर्चा ने ७ दिसम्बर सोमवार से कृष्णनगर भन्सार के बगल में टेन्ट लगाकर पुनः नाकाबन्दी जारी किया था । नाकाबन्दी शुरुवात करने के अगले ही दिन मंगलवार को सुबह मोर्चा कार्यकर्ताओं के गैर मौजूदगी में पुलिस प्रशासन ने टेन्ट को हटा दिया था । फिर मोर्चा नेता बिना टेन्ट के ही नाकाबन्दी करने लगे और आज मोर्चा ने पहले के अपेक्षा और बडा टेन्ट लगा दिया । साथ ही लोगों की तादात भी हजारों में दिखी । जो मधेशी जनता के उत्साह को बढने का संकेत कर रहा है ।
पिछले कुछ दिनों से कृष्णनगर सिमा नाकापर गाडियों की चाप बीरगन्ज जैसा बन चुका था । जो कि नाकाबन्दी होने से तत्काल रुक गया । सिमा नाका खुला होने से कई गाडियां तो रिरुट पर्मिशन लेकर आयी थी । फलतः मित्रराष्ट्र भारत में हजारों गाडियाें की कतार लग गयी है । नेताओं ने बताया कि आज के डेट में तो सिर्फ दो ही नाका बन्द है । एक बीरगन्ज और दुसरा कृष्णनगर पर परसो से सारी नाकाएं होने की खबर मिली है|
कल्ह नाकेपर ही बिरोध सभा का आयोजन करते हुए नाकाबन्दी जारी रखा गया । जिसमें सद्भावना केन्द्रिय सदस्य रविदत्त मिश्र, तमलोपा केन्द्रिय सदस्य ईश्वर दयाल मिश्र, तमलोपा सदस्य मंगल गुप्ता, समाजसेवी दिपक शुक्ला, दिनेश गुप्ता, राम प्रकाश चौधरी, राम नरेश उपाध्याय, राजकुमार चौधरी, राम कुमार गुप्ता, गंगेश तिवारी लगायत के मधेशी नेता एवं समाजसेवियों के साथ—साथ हजारों की तादात में आन्दोलनकारी भी मौजूद थे ।
नाकेबन्दी के दौरान आयोजित बिरोध सभाको सम्बोधित करते हुए युवा मधेशी गंगेश तिवारी ने सरकार और पुलिस प्रशासन को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि,“इनका दमन हम मधेशी हरगिज बर्दाश्त नही करेंगे । अगर ए उपरी आदेश का हवाला देते हुए दमनाकारी रवैये पर उतरेंगे तो हम इनका हथियार छीनकर इन्हे यहां से निहत्था भेजेंगे ।”
इसी दौरान युवा क्रान्तिकारी नेता रवि दत्त मिश्र ने बहुत ही जोशिले, बेदनात्मक एवं सार—गर्भित भाषण देते एवं ११९ दिनों से मधेश में जारी क्रमिक वारदातों को स्पष्ट करते हुए, खसबादी मानसिकता से ग्रसित सरकार के द्वारा मधेशियाें का मांग सम्बोधन न किए जाने तक नाकाबन्द और आन्दोलन जारी रहने की बात कही । पिछले ढाई सौ सालों से जकडी गुलामी की जंजीरों से आजाद न होने तक नाकाबन्दी न हटने की बात से भी सभा को अवगत कराया ।”
तत्पश्चात आन्दोलन व नाकाबन्दी के वजह और उद्देश्य का बिश्लेषण करते हुए तमलोपा सदस्य बरिष्ट नेता मंगल गुप्ता ने मधेश आन्दोलन का वजह, खसबादी सरकार के उपनिवेशी रणनीती को स्पष्ट किया ।
सभा के अन्त मे पूर्व मन्त्री ईश्वर दयाल मिश्र ने सभा को सम्बोधित करते हुए, आन्दोलन को मधेशी के अधिकार प्राप्ति के लिए किए जाने की बात कही । जिसमें मौके फायदा उठाते हुए कुछ लोग पेट्रोलियम तथा गैस तस्करी करके अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं । उन लोगों को मिश्र ने कडी चेतावनी देते हुए कहा कि आन्दोलन के साथ किसी भी तरह का खिलवाड मोर्चा बर्दाश्त नही करेगा इसलिए तुरन्त ए काम छोड दें । साथ ही मिश्र ने यह भी कहा कि,“प्रशासन ने कहा है कि उपर से आदेश आ रहा है, नाकाबन्दी हटाने के लिए । जिसके जवाब में मिश्र ने कहा कि यह हरगिज नही हो सकता है । अगर ऐसा हुआ मोर्चा दशगजा में बैठेगा जिससे द्वन्द भडकने में कोई शंका नही रहेगी । क्योंकि हम शान्ति दूत गौतम बुद्ध की भूमि के निवासी हैं । इसलिए हम द्वन्द नही चाहते पर अगर प्रशासन यही चाहता है तो हम इससे भी पिछे नही हटेंगे ।”