सर्वोच्च द्वारा पूर्व प्रधानन्यायाधीश और पूर्व सभामुख के साथ लिखित जवाब मांग
काठमांडू, २८ जनवरी । सर्वोच्च अदालत ने अदालत की अवहेलना संबंधी मुद्दा में पूर्व प्रधान्यायाधीश और पूर्व सभामुख के साथ लिखित जवाब मांग किया है । अधिवक्त धनजीत बस्तेन, लोचन भट्टराई आदि द्वारा पंजीकृत अवहेलना संबंधी मुद्दा में बिहिबार सुनुवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने पूर्व सभामुख दमननाथ ढुंगाना के साथ पूर्व प्रधानन्यायाधीश मीनबहादुर रायमाझी, अनुपराज शर्मा, कल्याण श्रेष्ठ और सुशीला कार्की को लिखत जवाफ मांग किया है ।
आरोप हैं कि पूर्व सभामुख ढुंगाना और चारों पूर्व प्रधानन्यायाधीशों ने अदालत का अवहेलना किया है, साथ में न्याय सम्पादन और अदालत की कारवाही पर अनावश्यक टिप्पणियां की है । स्मरणीय है, उल्लेखित ४ पूर्व प्रधानन्यायाधिशों ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि संसद् बिघटन असंवैधानिक है । इसीतरह पूर्व सभामुख ढुंगाना ने भी कहा था कि अगर संसद् पुनस्र्थापना नहीं की गई तो सडक आन्दोलन करनेवाले आन्दोलनकारी न्यायाधीशों को घसिट कर सड़क में ला सकते हैं ।
इसतरह की विवादास्तप विज्ञप्ति एवं अभिव्यक्ति के विरुद्ध सर्वोच्च अदालत में अवहेलना मुद्दा पंजीकृत की गई थी । इसी मुद्दा पर सुनुवाई करते हुए न्यायाधीश मनोजकुमार शर्मा की एकल इजलास ने बिहिबार ऐसा निर्णय किया है ।