अदालत के संबंध में बोलने से डरनेवाले कांग्रेसी नेता कायर हैंः थापा
काठमांडू, ३० जनवरी । नेपाली कांग्रेस के नेता गगनकुमार थापा ने कहा है कि संसद् बिघटन के सवाल में अदालत के संबंध में बोलने के लिए डरनेवाले कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता कायर हैं । संसद् बिघटन विरुद्ध शुक्रबार काठमांडू में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुए उन्होंने ऐसा कहा है । उनका यह भी कहना है कि अब कांग्रेस को कायरता से बाहर आना चाहिए ।
संसद् बिघटन संबंधी प्रधानमन्त्री ओली का कदम असंवैधानिक बताते हुए उन्होंने कहा– ‘हम लोग वीपी कोइराला संबंद्ध पार्टी के कार्यकर्ता हैं । वीपी ने उस समय कहा था कि अदालत की चार दिवार के भीतर न्याय की हत्या ना हो । पंचायतकाल में बोलनेवाले वीपी के कार्यकर्ता आज रामशाहपथ (निर्वाचन आयोग) देखकर भाग रहे हैं, अदालत के संबंध में बोलने से डर रहे हैं ।’ नेता थापा को मानना है कि ऐसे कांग्रेसी नेता कायर हैं ।
नेता थापा ने कहा है कि पौष ५ गते का कदम असंवैधानिक है । उनका मानना है कि अदालत से भी उक्त कदम को असंवैधानिक ठहर होनेवाला है । उन्होंने कहा– ‘अदालत की ओर से दाये–बाये की फैसला नहीं होगी, ऐसा होना भी नहीं चाहिए । यह हामरा विश्वास है ।’ नेता थापा ने कहा कि वर्तमान संविधान में बहुमत प्राप्त प्रधानमन्त्री को संसद् बिघटन करने का कोई भी अधिकार नहीं है । उन्होंने कहा– ‘अदालत में चिन्ता हो रही है कि अगर बहुमत प्राप्त प्रधानमन्त्री को सरकार नहीं चलाना है तो वह क्या करेंगे ? ऐसी अवस्था में प्रधानमन्त्री को चुपचाप घर जाकर बैठना चाहिए, नहीं तो जंगल की ओर चला जाना चाहिए । संविधान में दूसरा विकल्प नहीं है ।’
नेता थापा ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता के लिए ही संविधान में बहुमत प्राप्त प्रधानमन्त्री को संसद् बिघटन की सुविधा नहीं दी गई है । उन्होंने आगे कहा– ‘नहीं तो हम लोग वि.सं. २०४७ साल की संविधान के धारा ५३ में की गई व्यवस्था ही वर्तमान संविधान में भी कायम रखते थे । यहां स्पष्ट है कि वर्तमान प्रधानमन्त्री को संसद् बिघटन करने का कोई भी अधिकार नहीं है ।’