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संविधान को पुनर्लेखन करना जरुरी है, नहीं तो संविधान दिवस का कोई भी अर्थ नहीं हैः साह

प्रभु साह, फाईल तस्वीर

काठमांडू, २० सितम्बर । नेकपा एमाले के नेता प्रभु साह ने कहा है कि वर्तमान संविधान को पुनर्लेखन करना जरुरी है । स्मरणीय साह आवद्ध राजनीतक पार्टी एमाले सातवें ‘संविधान दिवस’ मना रही है, लेकिन साह ने आइतबार सामाजिक संजाल में लिखते हुए कहा है कि वर्तमान संविधान अपूर्ण और विभेदपूर्ण है, इसमें संशोधन आवश्यक है ।
उन्होंने कहा है कि वर्तमान संवैधान व्यवस्था में पुनरावलोकन की आवश्यकता है । उन्होंने कहा है– नेपाल जैसे छोटी–सा देश में ७६१ सरकार निर्माण करना, संघीय मुलुक में अनावश्यक रुप में तीन तहों की सरकार निर्माण करना, शासक जाति को आरक्षण प्रदान करना, अनावश्यक दर्जनों संवैधानिक आयोग निर्माण करना, नागरिकता वितरण में गलत व्यवस्था करना, पुराने ही न्याय प्रणाली और कर्मचारीतन्त्र रखना, सन्तुलन बिना की शक्ति पृथकीकरण, पक्षपातपूर्ण राजस्व संकलन तथा शक्ति का विभाजन जैसे विषय गलत है, इस त्रुटी में जब तक करेक्सन नहीं होगा, तब तक संविधान दिवस मनाने का कोई भी अर्थ नहीं है ।



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