सभामुख में नेकपा एमाले के पृथ्वीसुब्बा गुरुङ और छविलाल विश्वकर्मा का दाबा
काठमांडू, १८ पुस –
सभामुख में नेकपा एमाले के उपमहासचिव पृथ्वीसुब्बा गुरुङ और सचिव छविलाल विश्वकर्मा ने नाम दिया गया है । दोनों ही नेताओं ने अपनी इस ईच्छा को अध्यक्ष केपी शर्मा ओली के समक्ष व्यक्त किया है । नेकपा एमाले और नेकपा माओवादी केन्द्र के साथ ही गठबंधन के बीच प्रतिनिधिसभा के इस ५ वर्ष के कार्यकाल के शुरुआत के आधे समय में सभामुख पद लेने में सहमति हुई है । एमाले पार्टी में जब से सभामुख पद निश्चित हुई है तो इसके बाद से ही नेता अपने अपने पक्ष में निर्णय के लिए नेतृत्व के समक्ष लबिङ कर रहे हैं ।
प्रतिनिधिसभा का अधिवेशन २५ पुस में शुरु होगी । पहली बैठक के १५ दिन के भीतर ही सभामुख का चयन हो जाना चाहिए । संवैधानिक प्रावधान के अनुसार १० माघ के भीतर सभामुख का निर्वाचन हो जाना चाहिए । २६ पुस में प्रधानमन्त्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड विश्वास मत लेंगे । उसके साथ ही सभामुख के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरु हो सकती है ।
सूत्रों से पता चला है कि ज्यादा सम्भावना छविलाल की ही है । बहुत से नेताओं का कहना है कि –स्वयं ओली चाहते हैं कि नेम्बाङ ही सभामुख बनें । लेकिन नेम्बाङ का ही कहना है कि मैं ही कितनी बार सभामुख बनूँ । एकबार फिर नहीं बनना चाहता हूँ ।
इसबार नेम्बाङ राष्ट्रपति पद पाना चाहते हैं । संविधान निर्माण में नेतृत्वदायी योगदान करने, तथा एमाले संस्थापन के स्पिरिट को लेकर चलने वाले सक्षम व्यक्ति के रुप में माने जाने वाले नेम्बाङ अध्यक्ष ओली की पहली प्राथमिकता में हैं ।
सूत्रों के अनुसार वैसे एमाले के भीतर उपमहासचिव पृथ्वीसुब्बा गुरुङ को भी सभामुख बनाने की बात चल रही है । लेकिन अभीतक कौन बनेगे सभामुख इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है । सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष ने बात सुनी है विश्वकर्मा और गुरुङ या तीसरे किसी व्यक्ति की ओर संकेत नहीं किया है । अपनी अपनी ईच्छा सभी ने व्यक्त कर दी है अब निर्णय अध्यक्ष करेंगे ।