नेपाल-भारत सीमा पर धीरे-धीरे थम रही वाहनों की रफ्तार, पर्यटक भी नेपाल आने से कतरा रहे
सुनोली
बीते चार माह में नेपाल सरकार ने नियम-कानून में कई बदलाव किए हैं। इससे भारतीय कारोबारी समेत पर्यटकों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। बैंकों में जाकर चालान की धनराशि जमा करने के प्रावधान के बाद ट्रक चालक नेपाल जाने से परहेज कर रहे हैं। वहीं, मुद्रा बदलने में पारदर्शिता नहीं होने से पर्यटक परेशान हैं। भारतीय मुद्रा के नेपाल में नहीं चलने से पर्यटकों को दिक्कत हो रही है। ऐसी समस्याओं को देखते हुए इन दिनों अब ज्यादातर लोग नेपाल आने से परहेज कर रहे हैं।
नेपाल में इन दिनों बदलाव की प्रक्रिया कुछ तेज हो गई है। दशकों से चल रहे नियम धीरे-धीरे बदल गए हैं। बदलते नियमों का असर सीमावर्ती क्षेत्रों में देखी जा सकती है। बीते दो माह में नेपाल में आने-जाने, नौकरी व व्यापार से जुड़े तकरीबन आधा दर्जन नियमों में फेरबदल हुए हैं। नियमों में बदलाव की इस प्रक्रिया का सबसे अधिक असर भारतीयों पर पड़ रहा है। जिनमें पर्यटक, व्यापारी एवं ट्रांसपोर्टर आदि शामिल हैं। नियम में बदलाव की वजह से नेपाल जाने वाले पर्यटकों से लेकर व्यापारियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। ऐसी स्थिति में पूरी जानकारी के बिना नेपाल जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसका असर यह हुआ है कि पहले 700 से अधिक ट्रक प्रत्येक दिन नेपाल जाते थे, अब 300 से 400 ही ट्रक जा रहे हैं। बाइक व कारें करीब 1000 नेपाल जाती थीं, लेकिन अब इनकी संख्या 300 से 400 के बीच सिमट कर रह गई है। नियमों में बदलाव के कारण सीमावर्ती क्षेत्र में प्रत्येक दिन दो करोड़ का कारोबार प्रभावित हो रहा है। दूसरी तरफ, इन बदले नियमों की मार नेपाल के पर्यटन व्यवसाय पर भारी पड़ा है।
भारतीय रुपये का लेन-देन बंद, पर्यटकों की बढ़ीं मुश्किलें
– नेपाल में जहां भारत और नेपाल के बीच बेटी-रोटी के साथ व्यापारिक संबंध है। वहीं, जिन भारतीय पर्यटकों की चाहत पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र और दर्शनीय स्थलों के भ्रमण की है, उनके लिए भारत का गौरव भारतीय रुपया पर्यटन के लिहाज से मुसीबत साबित हो रहा है। भारतीय 100 रुपये नेपाली करेंसी के मुताबिक नेपाली 160 रुपये होता है, लेकिन इन दिनों बदलने पर मात्र 150 रुपये नेपाली मिल रहा है। पहले नेपाल के लगभग सभी स्थलों पर भारतीय रुपये आसानी से स्वीकार किए जाते थे, लेकिन अब नेपाल में भारतीय मुद्रा को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। कहने को तो नेपाल में 25 हजार भारतीय मुद्रा ले जा सकते हैं, लेकिन नेपाल के व्यापारी, दुकानदार, होटल और पर्यटन से जुड़े सभी भारतीय मुद्रा लेने से साफ मना कर दे रहे हैं।
वाहनों के परमिट शुल्क में तीन गुने की बढ़ोतरी
नेपाल ने दो महीने में कई फैसले लिए है। ऐसे में भारत से नेपाल आना अब और महंगा हो गया है। वाहनों का परमिट शुल्क बढ़ा दिया है। अब दो पहिया वाहनों को नेपाली रुपये के स्थान पर 200 रुपये और चार पहिया वाहनों को 150 की जगह 500 नेपाली रुपये और बस के लिए 500 रुपए के स्थान पर 700 रुपये देने पड़ रहे हैं। दोनों देशों के नागरिक कई वर्षों से अपने सगे संबंधियों के यहां आते जाते रहे हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन करीब 300 भारतीय पर्यटक वाहन नेपाल आते हैं। भंसार शुल्क के बाद परमिट के बढ़ने से भारतीय यात्रियों और पर्यटकों को नेपाल यात्रा में ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।
चालान जमा करने करने में गुजर रहा ज्यादा वक्त
–नेपाल में बीते बुधवार से ट्रैफिक पुलिस का चालान बैंक में जाकर जमा करने के प्रावधान से भारतीय ट्रक चालकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जो ट्रक शाम चार बजे के बाद भंसार से बाहर जा रहे हैं। उनकी गाड़ी सीमा से सटे नेपाल बेलहिया में रोक ली जा रही है। नेपाल में प्रवेश करने पर ट्रैफिक पुलिस बेलहिया के पास प्रति भारतीय ट्रक 1500 जुर्माना वसूलते हैं। यह समस्या कई वर्षों से है, लेकिन अब जुर्माना बैंकों में जमा करने की नई नीति लागू हुई है। इससे ट्रक चालकों को बेवजह दो दिन तक रुकना पड़ जाता है।