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तन्त्र विद्या के साधक भट्ट ‘बाबुराम आचार्य शोधसम्मान’ से सम्मानित

काठमांडू, अक्टूबर १६ । तन्त्र विद्या के वरिष्ठ साधक एवं प्राध्यापक विद्यानाथ उपाध्याय भट्ट को इतिहास शिरोमणि बाबुराम आचार्य शोधसम्मान से सम्मानित हो गए हैं । लूनकरणदास–गंगादेवी चौधरी साहित्यकला मन्दिर की ३०वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित स्रष्टा सम्मान कार्यक्रम में तन्त्र साधक भट्ट को यह सम्मान मिला है । स्रष्टा सम्मान की ३०वें श्रृखला अन्तर्गत आज सोमबार कमलादी स्थित अग्रवाल भनवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि तथा बलिउड अभिनेत्री मनिषा कोइराला और लूनकरणदास–गंगादेवी चौधरी साहित्यकला मन्दिर के अध्यक्ष मेघा चौधरी ने भट्ट को दोसल्ला और सम्मानपत्र के साथ सम्मानित किया है ।
इसी अवसर पर कवि डा. विष्णुविभु घिमिरे, कवि तथा हाँस्यव्यंग्य साहित्यकार लक्ष्मण नेवटिया, लोकगायिका तथा संगीत साधिका झुमा लिम्बू को भी सम्मानित किया गया है । कवि घिमिरे और व्यंग्यकार नेवटिया को संयुक्त रुप में सरस्वती सम्मान मिला है । संगीत साधिका लिम्बू को नारायण गोपाल संगीत सम्मान से सम्मानित किया गया । लूनकरणदास–गंगादेवी चौधरी साहित्यकला मन्दिर के संरक्षण वसन्त चौधरी के अनुसार ३० साल से जारी स्रष्टा सम्मान श्रृंखला अन्तर्गत आज तक १२० से अधिक साहित्य, संगीत तथा कला क्षेत्र के साधक सम्मानित हो चुके हैं ।
कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुए प्रमुख अतिथि तथा बलिउड अभिनेत्री मनिषा कोइराला ने कहा कि साहित्य और चलचित्र क्षेत्र अन्तर संबंधित है । उनका यह भी मानना है कि साहित्यकार तथा कलाकार अपनी कला के माध्यम से अपने अन्तर पीडा को व्यक्त करते हैं साथ में समाज और नयी पीढ़ी को दिशा निर्देश भी करते हैं । नायिका कोइराला का मानना है कि ऐसे व्यक्तित्व को सम्मान कर लूनकरणदास–गंगादेवी चौधरी साहित्यकला मन्दिर ने पुण्य का काम किया है ।
इसीतरह लूनकरणदास–गंगादेवी चौधरी साहित्यकला मन्दिर के नव नियुक्त अध्यक्ष मेघा चौधरी ने अध्यक्षीय अभिव्यक्ति में कहा कि संस्था को अब नवीनतम सोच के साथ आगे बढ़ाना होगा, जिससे कला और साहित्य क्षेत्र में अधिक से अधिक सिर्जनात्मक काम हो सके । नयी पीढ़ी की जोश और पुरानी पीढ़ी की अनुभव को मिलाकर भावी दिनों में आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता भी उन्होंने व्यक्त किया ।
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि कोइराला के हाथों प्रा.डा. उषा ठाकुर लिखित पुस्तक ‘विचार विश्लेषण’ और साहित्यकार लक्ष्मण नेवटिया लिखित पुस्तक ‘व्यङ्ग्यधाम’ भी विमोचित की गई । विमोचित पुस्तक के उपर पाठकीय टिप्पणी करते हुए साहित्यकार रमण घिमिरे ने कहा कि प्रा.डा. ठाकुर लिखित पुस्तक ‘विचार विश्लेषण’ संस्मरणात्मक और आलोचनात्मक पुस्तक है, जहां नेपाल की साहित्य और साहित्यकारों की चर्चा है । २६ लेख समावेश इस पुस्तक में पुरानी तथा नयी नेपाली साहित्यकार, हिन्दी और नेपाली भाषा के साहित्यकारों को जोड़ने का काम किया है ।
टिप्पणीकार घिमिरे के अनुसार नेवटिया लिखित पुस्तक ‘व्यङ्ग्यधाम’ आज की समाज का ऐना है, जहाँ सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में विद्यमान विकृति और विसंगतियों को व्यंगात्मक रुप में प्रस्तुत किया गया । घिमिरे का मानना है कि नेवटिया की प्रस्तुति कलात्मक है, जो पाठक को आकर्षित करती है ।
दशहरा के पूर्वसंन्ध्या में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ संगीतज्ञ डा. ध्रुवेशचन्द्र रेग्मी तथा उनकी टीम की शास्त्रीय संगीत से हुई थी । कार्यक्रम संचालक तथा साहित्यकार राजेन्द्र शलभ ने अपने सम्बोधन में कहा कि साहित्य और कला ऐसी विधा है, जो अन्य लागों के लिए प्रकट करने से दुःख से मुक्ति मिलती है ।



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