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पारस को घर लाने की तैयारी, हिमानी व्दारा बैंकक के मन्दिर मे दैनिक पूजापाठ ।

himaniकाठमाडू, २८ फागुन । पूर्व युवराज पारस के स्वास्थ मे चमत्कारिक सुधार होन के बाद पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र शाह इनदिनो हर्षित मुद्रा मे हैं । लगभग दो वर्षों से अपने परिवार से सम्पर्क विच्छेद करके बैंकक मे रह रहे पुर्व युवराज गम्भीर ह्रदयघात के कारण स्थनीय अस्पताल मे भर्ती होकर उपचार करा रहे थे । इसबीच उनके स्वास्थ मे काफी सुधार होने की खबर है । इधर पुर्व राजपरिबार व्दारा उन्हे घर लाने की तैयारी की जा रही है ।  अपने पुत्र के स्वास्थ्य मे चामत्कारिक सुधार आने के बाद खुश हुये पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र  अब पारस को घर लाने का वातावरण बना रहें हैं ।

गत ९ फागुन मे ह्रदयघात होने के बाद पारस को उपचार के लिये बैंककस्थित समितिवेज अस्पताल भर्ती कराया गया था । उनका देखभाल के लिये पूर्वराजपरिवार के सभी सदस्य बैंकक मे ही हैं । पारस के उपचार मे सुरु से ही सहयोग करते आए गैरआवासीय नेपाल संघ थाइल्यान्ड के महासचिव सुनील खड्का के अनुसार पुत्र की स्वास्थ्य स्थिति के बारे मे पिता ज्ञानेन्द्र दो वार और पत्ती हिमानी तीन/चार बार दैनिक अस्पताल मे पहुँच कर जानकारी लेने का काम करते हैं । पुत्र के ईलाज मे पूर्वराजा ने कोई कमी बाँकी नही राखी है सुनील खड्का ने  बताया ।
पूर्वराजपरिवार बैंकक के एक होटल ठहरें हैं । पारस के स्वास्थ्य के बारे मे जानकारी लेने ज्ञानेन्द्र और हिमानी नियमित अस्पताल पहुँचते हैं ।
पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र  पुत्र पारस की स्वास्थ्य अवस्था के बारे मे दैनिक जानकारी लेने सुबह और साम अस्पताल पहुँचते हैं कभी कभी दिन मे भी आकर अस्पताल मे ही आकर समय बितातें हैं ।

पति का स्वास्थ्यलाभ की कामना करते हुये हिमानी बैंकक स्थित एक मन्दिर मे कई बार पूजापाठ भी की है । हिमानी ने मन्दिर मे जा कर जप करने के साथ साथ स्थानीय विधिअनुसार भी पूजापाठ की है । पुरवरानी कोमल ने भी स्थानीय मन्दिर मे पूजा की हैं ।
हिमानी  दैनिक तीन/चार बार अस्पताल मे जाकर पति के स्वास्थ्य अवस्था के बारे मे जानकारी लेती है । अस्पताल ने हिमानी को पारस से मिलने मे कोई रक नही लगाई है।
Gyanendra-Shahaसुत्रों के अनुसार पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र ने भी पुत्र के स्वास्थ्यलाभ की कामना  करते हुये ब्राह्मणहरू व्दारा स्थानीय मन्दिर मे होम और जप करवाया है ।
११ दिनों तक पुर्ण अचेत अवस्था मे भेन्टिलेटर के सहायता मे उपचार किये जा रहे पारस को  २० फागुन मे होस खुला था । लेकिन वे अभी भी अच्छी तरह बोलने की अबस्था मे नही हैं । आदमी पहचानने, बात समझने तथा सुस्त रूप मे इसारा के सहायता से सामान्य बातचीत मात्र कर सकते है । यद्दपि पारस खतरामुक्त  हो गयें हैं लेकिन जो सुधार होना चहिये वह उनमे अभी भी नही हो पाया है । अभी भी उनका ईलाज आइसियुकक्ष मे ही होरहे है, कुछ दिनों मे एमआरआई करके पिर से चेकअप किया जायेगा  यह जानकारी खड्का ने दी ।
पारस के उपचार मे सुरु मे चार चिकित्सकों की टोली खटाई गइ थी, अभी दो डाक्टर ही ईलाज कर रहें हैं । अस्पताल ने पिता ज्ञानेन्द्र, माता कोमल और पत्नी हिमानी के अलावा और किसी को भी पारस से प्रत्यक्ष भेट की अनुमति नही दी है ।
पिता ज्ञानेन्द्र और पत्नी हिमानी  दैनिक बार बार अस्पताल मे जा कर पारस की स्वास्थ्य अवस्था के बारे मे जानकारी लेतें हैं लेकिन माता कोमल प्राय: होटल से ही पुत्र के स्वास्थ्य के बारे मे जानकारी लेती है । वे सोमबार नेपाल लौटने का प्रोग्राम बना रहीं हैं।
पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र ने पुत्र के उपचार मे कोई कसर बाँकी नही रखा है । नेपाल के चर्चित डाक्टर व्दय उपेन्द्र देवकोटा और भगवान् कोइराला को भी बैंकक बुलाया गया था । उन्होने पारस के उपचार मे आर्थिक सहयोग करने वाले सवों का पैसा वापस कर दिया है । पारस के उपचार मे ही अबतक करोड से ज्यादा खर्च हो चुका है ।
पारस के स्वास्थ्य मे सुधार आने के साथ ही पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र ने उपचार मे सुरुदे से ही सहयोग करने वालों के स्वागत मे भोज का आयोजन किया था ।  पारस के उपचार मे सहयोग करनेवालो को पुर्वराज भावुकता के साथ धन्यवाद देतें हैं  और कहतें हैं कि आपही लोगों के सहयोग से मेरा लडका का पुनर्जन्महुआ है, मै बहुत खुश हुँ । आपलोगों का गुण मैं कभी भी नहीं भुल सकता हुँ ।



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