भारत में श्वेत क्रांति के जनक कूरियन की 102वीं जयंती मनायी गयी
जनकपुरधाम/मिश्री लाल मधुकर।भारत में श्वेत क्रांति के जनक बर्गईज कूरियन की 102वीं जयंती जनकपुरधाम के पशु प्रशिक्षण सभा गृह में मनायी गयी। जननी डेयरी तथा साइट नेपाल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि पशु तालिम(प्रशिक्षण) केंद्र प्रमुख डा.फेकन साह थे।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डा.वर्गीश कूरियन के प्रयास से ही भारत दूग्ध उत्पादन में विश्व अग्रणी स्थान पाया।आज उनके द्वारा स्थापित अमूल भारत ही नहीं दुनिया के की देशों में इनके उत्पाद दूग्ध पाउडर की मांग हैं।फेकन साह ने कहा कि डेनमार्क में मेधावी छात्र पशु चिकित्सक ही बनते हैं। इसलिए की स्वस्थ पशु ही स्वास्थ्य बर्धक दूध उत्पादन कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि जननी डेयरी भी दूध के गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है इसलिए कम दिनों में जननी डेयरी से उत्पादन दूध, दही,पनीर की मांग काफी अधिक है।मधेश प्रदेश दूग्ध विकास उत्पादन बोर्ड के सदस्य उपेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि जननी डेयरी के सुविधा संपन्न बनाने के लिए मधेश प्रदेश दूग्ध उत्पादन बोर्ड हर संभव सहायता करेगी। केन्द्रीय मत्स्य,पशु, पक्षी संघ के अध्यक्ष बाबू राम अधिकारी ने कहा कि गुजरात के खैरा जिला में सहकारी किसानों के समूह स्थापित कर कूरियन ने एक विशाल साम्राज्य कायम कर दिया।आज इसको श्वेत क्रांति का जनक कहा जाता है।इस अवसर पर डा.जीत नारायण भगत ने कहा कि नेपाल के मधेश की भूमि दूग्ध उत्पादन के लिए अनुकूल है।अगर बैज्ञानिक तरीके से डेयरी खोला जाए तो नेपाल दूग्ध का निर्यात कर सकता है। डा.अमित शाह की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम में मत्स्य, पशु पक्षी के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विमला साह, मीडिया काउन्सिल के प्रमुख प्रशासकीय अधिकृत मुनेश्वर यादव ने भी विचार रखें।डा.बर्गीश कूरियन के 102वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम में केक भी काटा गया।