परिवारवाद, धर्मवाद, जातिवाद और दबंगवाद पर भारी पर रहा विकासवाद !
माला मिश्रा बीरपुर ( सुपौल) । नौकरी छोड़ संजीव कुमार झा के बीरपुर नगरपंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का नाम सुनकर बीरपुर के लोगों में जगा नया बिश्वास। नगरपंचायत अध्यक्ष पद को सुशोभित कर चुके लोग या नगरपंचायत के पुराने माहिर खिलाड़ी जो पुन: नगरपंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाना चाहते हैं, ऐसे कई दावेदारों में संजीव झा का नाम सुनते ही अब बेचैनी देखा जा रहा है। टूटते सड़क, गंदे नाले, जहाँ-तहाँ पड़े कचड़े का अम्बार, बरसात में जल-जमाव और उससे उपजी समस्याऐं, शहर में लाईटों की कमी जैसे मूलभूत समस्याओं से परेशान लोगों को संजीव झा में अब एक उम्मीद की किरण नजर आने लगा है।
संजीव कुमार झा युवा हैं, पढ़े-लिखे हैं, लम्बे समय से कार्पोरेट जगत में सीनियर के पद पर कार्यरत रहे हैं, उनकी छवि साफ-सुथड़ी है। इसलिए बीरपुर के लोग उनमें बीरपुर का बेहतर भविष्य देख रहे हैं।
प्रकृति मित्र, बिहार गौरव एवम भारत-श्री सम्मान प्राप्त श्री संजीव कुमार झा बीरपुर के लिए अनजान नहीं हैं। दर्जन भर अवार्ड और सम्मान पाकर श्री झा ने अपना, अपने परिवार का, अपने मित्रों का और बीरपुर का मान बढ़ाया है। यूँ तो श्री संजीव झा शुरू से समाजसेवी रहे हैं, लेकिन पर्यावरण और खेल के क्षेत्र में उनकी विशेष अभिरुचि रही है। खासकर बीरपुर में खेलकूद के क्षेत्र में नि:स्वार्थ भाव से लम्बे समय से सहयोग करते रहे हैं।