सुर्तीजन्य पदार्थ के सेवन से ७१ प्रतिशत फेफडों में क्यान्सर
नेपालगन्ज,(बाँके) पवन जायसवाल, २०७१ असोज १० गते ।
सुर्तीजन्य पदार्थ के सेवन से मानव जीवन में होने वाली प्रतिकुल प्रभावों मध्ये इस के सेवन से ७१ प्रतिशत फेफडे में क्यान्सर होता है तथ्य एक कार्यक्रम में जानकारी दिया गया है ।
इस की सेवन स्वास्थ्यकर्मीयों में भी पर्याप्त मात्राओं में दिखाई पडा है नेपाल में किया गया एक अनुसन्धान सर्वेक्षण ने दिखाया है ।
ऐसी सम्बन्ध में जानकारी बाँके जिला के नेपालगन्ज– ५ स्थित समावेशी इङ्लिस मिडियम हाईस्कूल के छात्रछात्राओं के लियें आयोजित स्वास्थ्य सम्बन्धि चेतनामूलक कार्यक्रम में दिया गया है । ग्रामीण आर्थिक सामाजिक उत्थान केन्द्र नेपालगन्ज के आयोजना में असोज १० गते शुक्रवार को कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है ।
उसी अवसर पर कार्यक्रम में स्वास्थ्यविज्ञ डा. आमोद शर्मा ने सूर्तीजन्य चीजों के सेवन से मानव जीवन में होने वाली प्रतिकुल प्रभावों के बारे में जानकारी देते हुयें इस चीज से ७१ प्रतिशत फेफडे में क्यान्सर, ४२ प्रतिशत श्वासप्रश्वास सम्बन्धि क्यान्सर और १० प्रतिशत दिल सम्बन्धी रोग लगती है जानकारी होते हुयें भी नेपाल में स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वालों में ३२ प्रतिशत दन्तरोग विशेषज्ञ, ३६ प्रतिशत फर्मासिष्ट और ३.२ प्रतिशत नर्सों ने सेवन करते है एक अनुसन्धान में दिखाई पडी है बताया । एक तथ्याङ्क अनसार इस के सेवनों से दैनिक ४६ लोग और वार्षिक १५ हजार नेपालीयों की मौत होती है ।
उसी अवसर पर ग्रामीण आर्थिक सामाजिक उत्थान केन्द्र की कार्यक्रम संयोजक श्रीमती लता शर्मा ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाली थी, समावेशी इङ्लिस मिडियम हाईस्कूल के प्राचार्य हेमन्तराज काफ्ले ने सिक्केल सेल रोग के बारे में सुना था, लेकिन इसकी पहिलो बार जानकारी पाया कार्यक्रम में हमारे छात्रछात्राओं के लियें तो एकदम ही उपयोगी और लाभदायी रही है बताया ।
कार्यक्रम में सहभागी छात्रछात्राओं ने भी इस रोग के बारे में जानकारी पाया है और इस के बारे में भी अपने अपने गाँव घरपरिवार टोलापडोसी में भीे सचेतना फैलाएगें प्रतिवद्धता व्यक्त किया ।
कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिका तथा कक्षा ८, ९ और १० में अध्ययनरत छात्रछात्राओं करके ५० लोगों की सहभागिता रही थी सहभागियों के ओर से कक्षा १० में अध्ययनरत छात्रा सुश्री कृष्णा महरा और कक्षा १० के छात्र विशाल बस्नेत ने कार्यक्रम के विषयवस्तु एकदम ही नई है और यह सभी लोगों के लियें उपयोगी रही है हम लोगों का कर्तब्य भी है इसको समाज में सभी लोगों को इस रोग के बारे में सचेत कराएगें बताया ।