ठंड की रफ्तार में कमी नहीं, बीमार हो रहे लोग : विनोदकुमार विश्वकर्मा
विनोदकुमार विश्वकर्मा ‘विमल’, काठमांडू, माघ २ गते ।
ठंड की मार से लोग बीमार हो रहे हैं । थोड़ी सी लापरवाही गंभीर रूप से बीमार कर रही है । उल्टी, दस्त, सिरदर्द, आंख से पानी आना, बुखार, शरीर में दर्द तो आम बात हो गई है । सर्दियों में दिन छोटा होता है, इसकी बजह से शरीर में हॉर्मोन्स का तालमेल बिगड़ जाता है । साथ ही धूप न मिलने के कारण शरीर में विटामीन ‘डी’ की कमी भी हो जाती है । मौसम में उतार–चढ़ाव होने के बाद से मरीजों की संख्या में बृद्धि हो रही है । इससे ज्यादा परेशानी बच्चे और बुढेÞ को होती है । बच्चों में निमोनिया की शिकायत आमतौर पर देखी जाती है । इसके अलावा सर्दी, खांसी, ब्लड–प्रेशर बढ़ना–घटना जैसी आम समस्या भी होने लगती हैं । ठंड का असर छोटे–छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है । निमोनिया, उल्टी व दस्त के कारण बच्चे परेशान है । माँ अपने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपडेÞ पहनाने के साथ–साथ अन्य प्रकार के प्रबंध कर रही हैं । लेकिन इसके बावजूद ठंड बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है । डॉ. एस.के. मिश्र ने बताया कि ठंड में बच्चों में ज्यादा वाइरल बीमारी फैलती है । सबसे ज्यादा असर पेट और फेफडेÞ में होता है । पेट में ठंड लगने से बच्चे सर्दी, खांसी, पतला पैखाना, उल्टी, बुखार आदि से पीड़ित हो जाते हैं । इसी प्रकार फेफडेÞ में ठंड लगने से ‘ब्रोनकोलाईटिस’ और निमोनिया से बच्चे पीड़ित हो जाते हैं । उन्होंने बताया कि अचानक ठंड बढ़ जाने से विशेषतः बच्चों पर विशेष नजर रखें । ठंड से बचने के लिए बच्चों को गर्म पानी का भाप भी समय–समय पर देते रहें । बच्चों का सांस फूलने पर तुरंत बच्चे को चिकित्सक के पास ले जाएं ।
कैसे बचें बीमारियों से
दिखावे के चक्कर में अक्सर युवा सर्दियों में गर्म कपडेÞ नहीं पहनते हैं । इसके साथ–साथ बच्चे भी भारी स्वेटर न पहनने की जिद करते हैं । लेकिन इससे उन्हें बुखार, जुकाम और खांसी जैसी बीमारी तुरंत पकड़ लेती है । इसलिए स्वेटर तो पहनें । जरुरत पड़ने पर गर्म टोप और स्कार्फ भी पहनें । गर्मियों के मौसम में हम साफ–सफाई का काफी ख्याल रखते हैं । लेकिन ठंड में सफाई के मामले में थोड़ा लेजी हो जाते हैं । इस लापरवाही से हम इन्फेक्शन का भी शिकार हो सकते हैं । इसलिए हमें रोज नहाना और हाथ धोकर ही भोजन करना चाहिए । सर्दियों में शरीर में विटामीन ‘डी’ की काफी कमी हो जाती है । इस कारण कम से कम ३० मिनट धूप में जरुर बैठना चाहिए । शरीर को ड्रायनेस से बचाने के लिए बदाम का तेल लगाएं । ठंड में काफी लोग पानी पीना भी भूल जाते हैं । इसके कारण पेट का डाइजेशन सिस्टम विगड़ जाता है । इसलिए रोजाना कम से कम ८ से १० ग्लास पानी पीएं । ब्लड प्रेशर बाले मरीज हफ्ते में एक बार चिकित्सक से चेक–अप जरुर करवाएं ।
गर्म कपड़ो में भी तेजी
बढ़ती ठंड से बचने के जुगाड़ में लोग पहले से जुटे थे । लेकिन बीच में मौसम में आए बदलाव से लोग निश्चितता के भाव में आ गए थे । पर एकाएक मौसम के मिजाज ने फिर से बाजार में गर्म कपड़ों की मांग बढ़ा दी है । गर्म कपड़ों के बाजार में महंगाई का साफ असर दिख रहा है । लोगों की जेब ढ़ीली पड़ रही है । दूसरी तरफ गर्म कपड़ों का खरीदारी के लिए भारी संख्या में लोग फूटपाथ के बाजार, शॉपिंग कम्पलेक्स पहुंचते हैं । दुकान पर जैकेट, स्वेटर, स्टाईलिस बूट आदि की खरीदारी करते रहे एक ग्राहक ने बताया कि गर्म कपड़े घर पर रह गए अचानक ठंड के कारण जैकेट खरीदना पड़ता है ।
बाजार में आज ऊनी के कपड़ों के साथ गर्म जैकेट, मफलर, टोपी, स्वेटर, लैगिंग्स, इनरवियर महिलाओं के लिए गर्म सूट, स्वेटर, जीन्स, स्टाइलिस बूट, शॉल आदि उपलब्ध है । हालांकि गर्म कपड़ों पर भी महंगाई की मार साफ दिखाई देती है, लेकिन मजबूरी में लोग अपने बजट अनुसार खरीदारी कर रहा है । दिन में धूप निकलने के बावजूद शाम होते ही ठंड का असर शुरु हो जाता है, जो धूप निकलने तक कायम रहता है ।
बहुत ठंड ने लोगों की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है । गर्म कपड़ों की खरीदारी में जेब ढ़ीली करनी पड़ रही है । छोटे बच्चों की जैकेट की रेंज ६०० रुपये से शुरु है । जबकि बड़ों की जैकेट की रेंज १२०० रुपये से । इसी प्रकार बच्चों के स्वेटर की रेंज ४०० रुपये से शुरु है जबकि बड़ों के लिए यह रेंज १००० रुपये से है । दूसरी ओर महिलाओं के गर्म सूट, स्वेटर, शॉल, जीन्स पैन्ट आदि का रेंज भी पिछले वर्ष के मुकावले १५ प्रतिशत तक बढ़ा है