Mon. Apr 29th, 2024
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बेईमान पूछे इमानदार से : कौशल कुमार सिंह

बच्चे सड़क पे और बीबी कमरे में
न कोई ठिकाना, ना कोई मंजिल

बेईमान पूछे इमानदार से,
तेरा औकात क्या है ?
तेरी रोती हुई सुरत और बेजान सा जान,
बिना छत का घर और खाली मकान
फिर भी तेरा ये इमानदारी का बखान !



कोई पूछे तेरा कल तो बताएगा क्या ?
न कोई खाता न कोई पत्री
बस तेरा ये फटा कपड़ा और टुटा मकान
न कर सकते कोई एहसान और न बसा सकते कोई जहान
फिर भी कहते हो अपने को महान

बच्चे सड़क पे और बीबी कमरे में
न कोई ठिकाना, ना कोई मंजिल
बस तेरा ये अहंकार और इमानदारी का ढोल
फिर भी कहते हो सत्य है अनमोल

तब इमानदार बोले बेईमान से,
मैं और मेरा ये मकान
जीवन का है इमान
लेकिन फिर भी न कोई सिकन और न कोई गिला
शान है, पहचान है, इमान है मेरा ये मकान
न किसी का एहसान, न किसी का दान
मेरा ज़मीर है ये मकान

कौशल कुमार सिंह – सिरहा, नेपाल



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