फ्री वीजा फ्री टिकट तो बस नाम मात्र का है – श्रम मंत्री भंडारी
काठमांडू, १५ वैशाख
नवनियुक्त श्रममन्त्री शरतसिंह भण्डारी ने वैदेशिक रोजगार में जाने वाले कामदार के लिए निःशुल्क वीजा और निःशुल्क टिकट की नीति व्यावहारिक नहीं होने की बात कही । उन्होंने कहा कि निःशुल्क वीजा और टिकट के नाम पर कामदार को ठगने का काम किया जा रहा है इसलिए ऐसी नीति पर एक बार पुनर्विचार करना होगा ।
१० हजार का रसिद दिखाकर लाखों रकम श्रमिक से म्यानपावर कम्पनी ले रही है इसीलिए एक निश्चित रकम तय की जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि ‘फ्री वीजा फ्री टिकट नाम मात्र का हुआ है, कार्यान्वयन करना एक चुनौती है ।’ सरकार ने सेवा शुल्क १० हजार रुपया तय किया है लेकिन म्यानपावर व्यवसायी लाखों रुपये उठा रहे हैं । श्रम मन्त्रालय ने वैदेशिक रोजगार में जाने वाले कामदार को आर्थिक भार होने की वजह से फ्री वीजा फ्री टिकट की व्यवस्था लागू की है ।